पंजाब

विजि‍लेंस ब्‍यूरो से FIR की कापी मांगी, अब ED करेगी जांच

Admin4
27 Aug 2022 11:15 AM GMT
विजि‍लेंस ब्‍यूरो से FIR की कापी मांगी, अब ED करेगी जांच
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चंडीगढ़। पंजाब वन विभाग के घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर सकता है। ईडी की ओर से इस मामले में दर्ज हुई एफआइआर की कापी मांगी गई है। पंजाब विजिलेंस ब्‍यूरो के ऑफिसर ने कहा कि, हमसे इस मामले में अब तक विजिलेंस की ओर से की गई जांच और गिरफ्तारियों का ब्यौरा देने को भी कहा गया है। ईडी के हस्‍तक्षेप के बाद अब इस मामले के आरोपी पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत और पूर्व मंत्री संगत सिंह गिलजियां की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, ईडी इस मामले में यह जांच करेगा कि क्या इस घोटाले में कोई पैसा विदेश तो नहीं गया है। वहीं, बताया जा रहा है कि ईडी आने वाले दिनों में उन सभी केसों का ब्यौरा ले सकता है जिनमें कांग्रेस के नेताओं शामिल है।

मालूम हो कि, कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पूर्व कांग्रेस सरकार में जब साधु सिंह धर्मसोत वन मंत्री थे। इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में सरकार बनी। चन्नी ने वन विभाग का जिम्मेदा संगत सिंह गिलजियां को सौंपा। दोनों ही पूर्व मंत्रियों के कार्यकाल में वन विभाग में भ्रष्टाचार हुआ।

साधु सिंह धर्मसाेत भ्रष्टाचार के मामले में जेल में है, जबकि संगत सिंह गिलजियां ने इस मामले में जमानत ले रखी है। विजिलेंस की ओर से संगत सिंह गिलजियां के भतीजे को भी भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था, जो कि इस समय जेल में है। साधु सिंह पर मंत्री रहते हुए 500 रुपये प्रति पेड़ रिश्वत लेेने का आरोप है। अपने तीन साल के कार्यकाल में साधु सिंह ने करोड़ों रुपये एकत्रित किए। अपने नजदीकियों के साथ मिलीभगत से नाजायज माइनिंग की। इसी तरह पूर्व मंत्री संगत सिंह गिलजियां ने अपने कार्यकाल के दौरान ट्री गार्डों की खरीद परोख्त में 6,49,00,000 रिश्वत के तौर पर एकत्रित किए।

गिलजियां पर भी रोपड़ जिले में नाजायज माइनिंग करवाने के आरोप है। इन मामलों की जांच विजिलेंस कर रही है। उक्त दोनों मंत्रियों के अलावा कांग्रेस के पूर्व मंत्री, पूर्व आइएएस, आइपीएस और मौजूदा अधिकारी भी विजिलेंस के निशाने पर है। विजिलेंस ब्यूरो पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की भी जांच करेगा। पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने विजिलेंस ब्यूरो को शिकायत दी थी।

शिकायत में आरोप लगाया गया था कि मनप्रीत बादल ने साल 2017 से 2022 तक गेहूं व धान की ढुलाई के लिए अपने ड्राइवर व गनमैन के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाकर सरकारी खजाने को लूटा। अनाज ढुलाई घोटाले के मामले में भारत भूषण आशु पर कार्रवाई कर चुकी है। पूर्व ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, पूर्व ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू सहित कई अन्य कांग्रेसी नेता निशाने पर हैं।

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