पंजाब

पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले सतगुरु उदय सिंह

Subhi
19 Feb 2022 6:01 AM GMT
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले सतगुरु उदय सिंह
x
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से दो दिन पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ नामधारी समुदाय के प्रमुख सतगुरु उदय सिंह ने भेंट की। इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है।

पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से दो दिन पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ नामधारी समुदाय के प्रमुख सतगुरु उदय सिंह ने भेंट की। इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर इस मुलाकात की दो तस्वीरें शेयर कर लिखा 'भैणी साहिब के श्री उदय सिंह जी से भेंट हुई।' राजनीतिक के जानकार इस मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगा रहे हैं।

पंजाब की राजनीति में डेरों के महत्व के मद्देनजर सतगुरु उदय सिंह की प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात को अहम माना जा रहा है। भैणी साहिब में भले ही सभी राजनीति दल पहुंचते हैं, लेकिन यह समुदाय किसी समय कांग्रेस का वोट बैंक रहा है। हंसपाल नामधारी लंबे समय तक पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान भी रहे हैं। नामधारी समुदाय का मुख्यालय भैणी साहिब में है। इस समुदाय के छह से सात लाख मतदाता हैं और उनके वोट जिस ओर झुक जाएं, चुनाव में उस पार्टी को फायदा मिल सकता है। कुछ दिन पहले शिरोमणि अकाली दल (बादल) अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भैणी साहिब पहुंचकर सतगुरु उदय सिंह से मुलाकात की थी।

प्रमुख सिख हस्तियों का पीएम ने किया आतिथ्य

वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से दो दिन पहले शुक्रवार को पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में सामाजिक व धार्मिक कार्यो में जुटीं प्रमुख सिख हस्तियों से मुलाकात की। इस मुलाकात से उन्होंने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि सिख समुदाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ जा सकता है। कृषि सुधार कानून रद करने के बाद राज्य में भारतीय जनता पार्टी जिस तरह उभर कर सामने आई है और पार्टी बड़े नेताओं ने यहां दौरे किए हैं उससे संदेश बहुत स्पष्ट है कि भाजपा पंजाब में सरकार बनाने का इरादा रखती है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) के साथ गठबंधन में पिछले ढ़ाई दशक से केवल 23 सीटों पर ही सिमटी हुई थी। इस दौरान तीन बार गठबंधन की सरकार बनी लेकिन भाजपा ने कभी भी सिख बाहुल सीटों या ग्रामीण सीटों पर खुद को आगे नहीं बढ़ाया। अकाली दल से नाता टूट जाने के बाद भाजपा अब सिख समुदाय में अपना विस्तार करने की कोशिश कर रही है। शुक्रवार को प्रमुख सिख हस्तियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व सदस्य अमरिंदर सिंह का कहना है कि ये सभी डेरे या संस्थान बेशक पंजाब में न होकर दूसरे राज्यों में हों, लेकिन इनका आधार या शाखाएं पंजाब में भी हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो अकाली दल या कांग्रेस को समर्थन देते हैं। इन्हीं में से कुछ गुट अलग तौर पर चल रहे हैं, उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की है।

महंत करमजीत सिंह, अध्यक्ष डेरा सेवापंती, यमुनानगर : यह डेरा बेशक यमुनानगर में है लेकिन इनका एक बड़ा डेरा ब¨ठडा जिले के मंडी गोनियाना में भी है। अरोड़ा सिख बिरादरी इस डेरे की बड़ी अनुयायी है। इसलिए भुच्चो मंडी, मलोट व अबोहर आदि सीटों पर इनका अच्छा असर है।

हरमीत खालसा, अध्यक्ष दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी : हरमीत सिंह खालसा अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर बादल के करीबी रहे हैं और शहरी सिखों में इनका अच्छा आधार है। बेशक सीधे तौर पर हरमीत सिंह का पंजाब में उतना प्रभाव नहीं है लेकिन सुखबीर के करीबी रहे मनजिंदर सिरसा के बाद जिस तरह हरमीत सिंह भाजपा के करीब हो गए हैं उससे अकाली दल को झटका लगा है। अल्पसंख्यक के तौर पर रह रहे सिखों में प्रभाव है।

बाबा जस्सा सिंह, शिरोमणि अकाली बुड्डा दल, पंजवां तख्त : यह निहंग सिंहों के बड़े संगठन का एक हिस्सा है, जिसकी कमान बलबीर सिंह के हाथ में है। बलबीर सिंह कांग्रेस और अकाली दल के साथ रहे हैं जबकि बाबा जस्सा उनके खिलाफ हैं।

पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल, सुल्तानपुर लोधी : संत सीचेवाल का पंजाब में अच्छा प्रभाव है। यह इसलिए नहीं है कि उनका निर्मल समुदाय पंजाब भर में फैला है बल्कि उनके द्वारा किए जा रहे समाजिक कामों के कारण वह पूरे पंजाब में मकबूल हो गए हैं। उन्होंने पीएम के सामने चुनाव में पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा भी उठाया है

बाबा योगा सिंह, डेरा बाबा जंग सिंह, नानकसर (करनाल) : इस डेरे का लुधियाना जिले में भी एक डेरा है और ग्रामीण हलके में इनकी अच्छी पैठ है। खासतौर पर लुधियाना और मोगा के आसपास के क्षेत्रों में नानकसर डेरे का प्रभाव है। हालांकि पंजाब का यह डेरा अकाली दल का भी समर्थन करता रहा है।

जत्थेदार बाबा साहब सिंह कार सेवा, आनंदपुर साहिब : किला आनंदगढ़ के रूप में जाने वाले इस डेरे का मोहाली, रोपड़ आदि क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव है। इस डेरे द्वारा कंडी के क्षेत्रों में किए जा रहे सामाजिक कामों का खासा असर देखने को मिलता है।

डा. हरभजन सिंह, दमदमी टकसाल, चौक मेहता : दमदमी टकसाल का ग्रामीण हलकों में अच्छा प्रभाव है। इनके अनुयायी ¨भडरांवाला को बहुत पसंद करते हैं। पिछले दिनों ही टकसाल के एक नेता प्रो. सरचांद सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। वह मानते हैं कि टकसाल को सही ढंग से पहचानने में सभी ने गलती की है।


Next Story