पंजाब

जज्बे को सलाम, सपना पूरा करने के लिए विदेश से आकर लिया कॉलेज में Admission

Shantanu Roy
25 Aug 2022 4:01 PM GMT
जज्बे को सलाम, सपना पूरा करने के लिए विदेश से आकर लिया कॉलेज में Admission
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जालंधर। सपनों को पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती। 47 साल की उम्र में गुरजीत कौर ने यह साबित कर दिया है। गुरजीत कौर का सपना भी कॉलेज जाने का था, लेकिन उन्होंने 12वीं पास करते ही उनकी शादी हो गई और अपने पति के साथ फिलीपींस चली गईं, जो वहां फाइनेंस का काम करते थे। गुरजीत कौर ने 47 साल की उम्र में अपना सपना पूरा किया है। जालंधर के खजुरला गांव की रहने वाली गुरजीत कौर अपने शुरुआती सालों में कभी कॉलेज लाइफ का मजा नहीं ले पाई। उन्हें अपने पिछले जीवन पर हमेशा पछतावा होता था।
गुरजीत अपनी जिन्दगी बारे बताती है कि उनके पति चाहते हैं कि हमारी बेटियां कुछ साल पंजाब में रहें, पंजाबी भाषा समझें और मूल स्थान की संस्कृति, रीति-रिवाजों को अपनाएं क्योंकि वे मनीला में पैदा हुई थीं। वह भी अपनी बेटियों को गांव ले जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करवाना चाहती थी। जब उनकी बेटियां अपनी पढ़ाई में व्यस्त थीं, तो उन्हें लगा कि कॉलेज जाने की उनकी इच्छा को पूरा करने का यह सही समय है। इसलिए उन्होंने अपने पति से इस पर चर्चा की और लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वूमेन में डिप्लोमा इन फैशन टेक्नोलॉजी में प्रवेश लिया। उन्हें यहां शामिल हुए लगभग 2 सप्ताह हो चुके हैं और वह बहुत खुश हैं।
गुरजीत कौर ने अपने शुरुआती अनुभव बताए कि जब उसने पहले दिन कक्षा में प्रवेश किया, तो सभी लड़कियां उसे शिक्षक बनने पर बधाई देने के लिए खड़ी हो गईं। गुरजीत ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह भी उन्हीं की तरह एक छात्र है। गुरजीत ने कहा कि उनके शिक्षक उनसे छोटे हैं। गुरजीत कौर को लग रहा है कि उसके जवानी के दिन वापस आ गए हैं। वह उन लड़कियों की संगति में रहने का आनंद ले रही है जो अपने शुरुआती 20 के दशक में हैं और ऊर्जावान महसूस कर रही हैं। कॉलेज प्रिंसीपल नवजोत कौर का कहना है कि जब कॉलेज में स्किल बेस्ड कोर्स शुरू किए गए थे तो उन्हें उम्मीद थी कि इसमें और भी अधेड़ महिलाएं शामिल होंगी, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हुआ। हर साल केवल एक या 2 छात्र ही इस उम्र के होते हैं और अपना जीवन नए सिरे से शुरू करना चाहते हैं।
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