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पंजाब में 50 हजार रुपये किलाे क्याें बिक रहा केसर का बीज, जानें वजह

Gulabi Jagat
24 April 2022 2:43 PM GMT
पंजाब में 50 हजार रुपये किलाे क्याें बिक रहा केसर का बीज, जानें वजह
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50 हजार रुपये किलाे बिक रहा केसर का बीज
फतेहगढ़ साहिब। पंजाब के किसान केसर की खेती के नाम पर ठगे जा रहे हैं। पारंपरिक खेती छोड़ कर कृषि विविधता अपनाने वाले किसानों को अधिक निशाना बनाया जा रहा है। किसानों को अमेरिकी केसर के नाम तेल बीज वाल फूल कसुंभा (कुसुम) का बीज बेचा जा रहा है। अंग्रेजी में इसे सैफफ्लावर कहा जाता है। यह दिखने में केसर जैसा है। इसका इस्तेमाल कपड़े की रंगाई के लिए किया जाता रहा है। इसके बीज से तेल भी निकालते हैं।
पंजाब में केसर की खेती के लिए भौगोलिक परिस्थितियां नहीं हैं। इसके बावजूद अमेरिकी केसर के नाम पर कसुंभा के बीज 50 हजार रुपये प्रति किलो के भाव में बेचा जा रहा है, जबकि मंडी में इसका रेट 50 से 55 व बाजार में 200 से 250 रुपये है। रूपनगर जिले के गांव बाड़ा के किसान जसवंत सिंह ने भी अमेरिकी केसर समझ कर दो कनाल (एक एकड़ का चौथाई भाग) में कसुंभा की फसल बीजी है।
जसवंत सिंह सरकारी चालक की नौकरी से सेवामुक्त होकर खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने यूट्यूब पर मोगा जिले के गांव रसूलपुर के किसान गुरचरन सिंह का वीडियो देखा और उससे प्रेरित होकर उससे संपर्क किया। उससे 250 ग्राम बीज साढ़े बारह हजार रुपये में खरीद कर दो कनाल में बीज लगा दिया।
कुछ व्यापारियों ने उसे 80 हजार रुपये प्रतिकिलो तक केसर खरीदने की पेशकश की। बीज बेचने वाले गुरचरन सिंह ने दावा किया था कि वह दो साल से खेती कर रहा है। पहले साल उसकी अच्छी कमाई हुई। अब मंडीकरण की समस्या आ रही है। ज्यादा किसान खेती करें तो समस्या नहीं आएगी।
24 से 36 प्रतिशत तक होता है तेल
कसुंभा के बीज में 24 से 36 प्रतिशत तक तेल होता है, जिसका प्रयोग ज्यादातर खाना पकाने के लिए किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार इसका तेल शुगर व कोलैस्ट्रोल कम करने के लिए लाभदायक है। यह वजन घटाने और इम्युनिटी बढ़ाने में भी सहायक है। इसका फूल दिखने में केसर की तरह होता है, इसलिए किसान इसके झांसे में आ रहे हैं। भारत में इसकी खेती वनस्पति तेल के लिए होती है। तेल बीज के उत्पादन में देश में इसका सातवां स्थान है। 2019 में भारत में इसका 55 हजार टन उत्पादन हुआ था।
पंजाब में केसर की खेती संभव नहीं
बागवानी विभाग की निदेशक सलिंदर कौर का कहना है कि पंजाब का मौसम केसर की खेती के लिए उपयुक्त नहीं है। न ही पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से पंजाब में इसकी खेती के लिए कोई सिफारिश की गई है। किसानों को इंटरनेट पर किए जा रहे दुष्प्रचार से गुमराह नहीं होना चाहिए। केसर का पौधा 15 से 20 सेंटीमीटर ऊंचा होता है, जबकि कसुंभा का पौधा 30 से 150 सेंटीमीटर तक ऊंचा होता है।
केसर समुद्र तल से 1500 से 2800 मीटर की ऊंचाई पर होता है, जहां तापमान 6 से 18.5 डिग्री सेल्सियस तक हो। पीएयू के निदेशक (प्रसार शिक्षा) डा. जेएस माहल के अनुसार किसानों को अमेरिकी केसर कहकर जो बीज बेचा जा रहा है वह दरअसल कसुंभा का बीज है, जो आयल सीड है। इसका प्रयोग तक रंगाई के लिए होता था। इसकी खेती कई इलाकों में हो रही है।
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