पंजाब

कमर्शियल गाड़ियां चोरी करने वाले गिरोह के सदस्यों का खुलासा, इस तरह से देते थे घटना को अंजाम

Shantanu Roy
8 Oct 2022 2:20 PM GMT
कमर्शियल गाड़ियां चोरी करने वाले गिरोह के सदस्यों का खुलासा, इस तरह से देते थे घटना को अंजाम
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जालंधर। कमर्शियल गाड़ियां चुराने वाले गिरोह से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपियों ने कबूला है कि वह जालंधर समेत होशियारपुर, लुधियाना, भोगपुर, गोराया आदि से 24 कमर्शियल गाड़ियां चुरा कर उनके अलग-अलग पुर्जे करके बेच चुके हैं। उक्त पकड़े गए दोनों आरोपियों को पुलिस ने 3 दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस को शक है कि यह गिनती काफी कम है क्योंकि उक्त गिरोह पिछले 4 सालों से एक्टिव था। गिरोह के जिन 2 चोरों को गिरफ्तारी दिखाई गई है उनकी पहचान हरपाल लाल उर्फ बल्लू पुत्र रतन लाल निवासी संतोखपुरा और विजय कुमार पुत्र बाबू राम निवासी विजय नगर के रूप में हुई है। डी.सी.पी. इंवैस्टिगशन जसकिरणजीत सिंह तेजा ने बताया कि यह दोनों आरोपी रात के समय उन स्थानों की रेकी करते थे जहां कमर्शियल गाड़ियां खड़ी होती थी। फरार चल रहे गिरोह के 2 सदस्य रेकी के बाद उसी जगह पर जाते थे और चाबी लगा कर गाड़ी चुराकर फरार हो जाते थे। अब तक दोनों आरोपियों ने 24 गाड़ियां चुराने की बात कबूली है।
पुलिस का कहना है कि गिरोह के सदस्य गाड़ियों के इंजन नंबर मिटा कर आगे कबाड़िए को बेचते थे ताकि इंजन नंबर से गाड़ी ट्रेस न हो सके। आरोपी गैस कटर से चुराई हुई गाड़ियों के पुर्जे काट कर बेचते थे। पुलिस ने गैस कटर और सिलैंडर भी बरामद किए हैं। डी.सी.पी. तेजा ने बताया कि हरपाल लाल और विजय से पूछताछ के बाद जब प्रतापपुरा के कबाड़िए के गोदाम में रेड की गई तो वहां से अमन नगर से चुराई हुई टाटा 207 के भी पुर्जे मिले हैं। उसके इंजन से तो नंबर मिटा दिया गया था लेकिन चैसी नंबर से गाड़ी की पहचान कर ली गई। पुलिस को अब तक 3 गाड़ियों के पुर्जे मिले हैं जबकि बाकि के वाहनों के पुर्जे कबाड़िया बेच चुका है। चोरी के वाहनों के पुर्जे खरीदने वाले कबाड़िए से सी.आई.ए. स्टाफ 1 में पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही फरार दो आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस नहीं पकड़ रही थी, पीड़ित ने अपने वर्करों को चौराहों पर खड़ा कर पकड़ी गाड़ी
प्रशांत गंभीर ने बताया कि मई माह में उनकी भी टाटा 207 चोरी हुई थी। इसके बाद उन्होंने थाना 8 की पुलिस को शिकायत दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हालांकि पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था लेकिन चोरों का कोई सुराग नहीं लगा। ऐसे में उन्होंने ए.सी.पी. नार्थ को भी मांग पत्र दिया था लेकिन कोई सुराग न लगने पर उन्होंने अपने वर्करों की दो-दो की टीमें बना कर अलग-अलग चौराहों पर खड़ा कर दी थी। वर्करों को महिंद्रा मैक्स गाड़ी की तस्वीरें वाट्सएप पर डाल दी गई थी ताकि वह पहचान कर सके। दोआबा चौक पर खड़ी की गई एक टीम ने चोरों की गाड़ी पहचान ली जिसके बाद उन्होंने प्रशांत को सूचना दी। प्रशांत भी दोआबा चौक से किशनपुरा चौक जा रही चोरों की गाड़ी के पीछे लग गए जिसके बाद उन्होंने चोरों की गाड़ी को किशनपुरा चौक के पास घेर लिया, जिसमें से दो चोर छलांग लगा कर भाग गए जबकि हरपाल और विजय को काबू कर लिया।
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