पंजाब

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बहुउद्देशीय कृषि सेवा सभा लिमिटेड में 7 करोड़ से अधिक के घोटाले का किया पर्दाफाश

Ritisha Jaiswal
30 Aug 2022 10:40 AM GMT
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बहुउद्देशीय कृषि सेवा सभा लिमिटेड में 7 करोड़ से अधिक के घोटाले का किया पर्दाफाश
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पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बहुउद्देशीय कृषि सेवा सभा लिमिटेड में 7 करोड़ से अधिक के घोटाले का पर्दाफाश किया है.

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बहुउद्देशीय कृषि सेवा सभा लिमिटेड में 7 करोड़ से अधिक के घोटाले का पर्दाफाश किया है. जिला एसबीएस नगर की करनाना बहुउद्देशीय कृषि सेवा सभा लिमिटेड में हुए इस कथित घोटाले में विजिलेंस ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.जानकारी के मुताबिक उक्त सभा की जांच के उपरांत अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत से 7,14,07,596.23 रुपए का घोटाला सामने आया है. सभा करीब 1000 खाता धारक मेंबर हैं और इस सभा के पास एक इंडियन ऑयल का पेट्रोल पंप, एक ट्रैक्टर, बड़ी मात्रा में कृषि योग्य भूमि से सम्बन्धित कृषि के यंत्र हैं.

सभा के नाम पर है करोड़ों की एफडीआर
जानकारी के मुताबिक सभा द्वारा खाद और कीटनाशक दवाएं आदि भी किसानों को बेची जाती हैं. सोसायटी में कुल 6 कर्मचारी अलग-अलग जगह काम कर रहे हैं. जांच के दौरान पाया गया कि गांव करनाना के एनआरआई और गांव के लोगों द्वारा सभा में करोड़ों रुपए की एफडीआर करवाई गई हैं. आरोप है कि सभा के सचिव और कैशियर रह चुके इंदरजीत धीर ने प्रधान रणधीर सिंह और मौजूदा कैशियर हरप्रीत सिंह आदि के साथ मिलीभगत करके उक्त एफडीआर पर लिमिट आदि बनाकर करोड़ों रुपए का गबन किया है.
36 करोड़ के लेन देन में भी त्रुटियां
विजिलेंस के प्रवक्ता ने बताया कि तकनीकी टीम द्वारा उक्त सभा के रिकॉर्ड की चैकिंग के दौरान तारीख़ 01.4.18 से 31.03.20 तक सभा के सदस्यों द्वारा लिए गए कर्जे और सदस्यों की अमानतों में 7,14,07,596.23 रुपए का गबन पाया गया और इसके अलावा 36,36,71,952. 55 रुपए (छत्तीस करोड़ छत्तीस लाख, इकत्तर हज़ार नौ सौ बावन रुपए पचपन पैसे) की गंभीर त्रुटियां भी सामने आई हैं. इस घोटाले के विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि सभा के सचिव इंदरजीत धीर द्वारा सभा में दो कंप्यूटर लगाए हुए थे, जिसमें से एक कंप्यूटर में उक्त सचिव द्वारा सदस्यों को धोखा देने के लिए रिकॉर्ड तैयार किया हुआ था और सभा के सदस्यों को एंट्रियां दिखाकर यह तसल्ली करवा देता था कि आप की सभी एंट्रियां सही हैं. दूसरे कंप्यूटर के डेटा को पढ़ने पर पाया गया कि सभा के सचिव द्वारा इस कंप्यूटर में फ्रॉड की गई रकम के अनुसार डेटा फीड करके ऑडिट अफ़सर और अन्य अधिकारियों को पेश कर देता था.
प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ 406, 409, 420, 465, 468, 471, 477-ए, 120-बी आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम की धारा 13(1), 13(2) के तहत थाना विजीलैंस ब्यूरो जालंधर में केस दर्ज किया गया है. रणधीर सिंह, सुखविन्दर सिंह, रविन्दर सिंह, महेन्दर लाल और कमलजीत सिंह (सभी निवासी गाँव करनाना) गिरफ़्तार कर लिया गया


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