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Punjab,पंजाब: श्रीगंगानगर में नाबालिग लड़की की शादी रुकवाने के लिए प्रशासन की टीम समय रहते पहुंच गई। इसकी सूचना मिलने पर दूल्हे के अबोहर निवासी परिजन बारात लेकर बीच रास्ते से ही वापस लौट गए। प्रशासन को सूचना मिली कि चक 3ई गांव की रामलाल कॉलोनी में धानक समाज के एक परिवार द्वारा नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है। बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक राजीव जाखड़ के आदेश पर चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक त्रिलोक वर्मा, बाल कल्याण समिति (CWC) अध्यक्ष जोगिंदर कौशिक, राजस्व पटवारी बसंत यादव, पार्षद दीपक चौधरी और जवाहरनगर थाना प्रभारी शेर सिंह विवाह स्थल पर पहुंचे।
अबोहर से बारात गांव पहुंचने वाली थी। शादी के गीत गाए जा रहे थे और मेहमान व रिश्तेदार मिठाई खा रहे थे। जब टीम पहुंची और लड़की की विवाह योग्य आयु 18 वर्ष पूरी होने का प्रमाण मांगा तो सब कुछ थम गया। लड़की के माता-पिता ने उसका आधार कार्ड और आयु संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिसमें उसकी जन्मतिथि 2 जनवरी 2008 होने के कारण उसे विवाह के योग्य नहीं पाया गया। परिवार को बताया गया कि जब तक लड़की 18 वर्ष की नहीं हो जाती, तब तक वे उसकी शादी नहीं कर सकते। इस संबंध में परिवार और रिश्तेदारों से शपथ पत्र लिया गया। ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जोगिंदर कौशिक ने परिवार की निगरानी के लिए एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक पुलिसकर्मी को ड्यूटी पर तैनात किया है। इस बीच, कैटरिंग करने वाला, डीजे टीम और विवाह के लिए बुलाए गए पुजारी भी भाग गए।
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Payal
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