
पंजाब की जेलों में बंद कैदी एचआईवी समेत कई बीमारियों का सामना कर रहे हैं। यह खुलासा सरकार द्वारा कैदियों की करवाई गई स्वास्थ्य जांच में सामने आया है। 951 कैदी एचआईवी से पीड़ित है। जबकि हैपेटाइस बी और सी से 4846 लोग पीड़ित है। इसके अलावा यौन संचारित बीमारियों से ग्रसित है। इसी मामले को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के दफ्तर में एक अंतर-विभागीय उच्च स्तरीय मीटिंग की।
मीटिंग में स्वास्थ्य विभाग, जेल विभाग और सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग समेत अलग-अलग विभागों के सीनियर अधिकारियों ने हिस्सा लिया। स्वास्थ्य मंत्री ने साफ किया है कि जो कैदी एसटीआई, टीबी, सिफलिस, एचआईवी और हैपेटाइटस सी के लिए पॉजिटिव मिले हैं, उनका उचित इलाज करवाया जागएा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस मुहिम के दौरान कुल 33682 कैदियों की एसटीआई के लिए जांच की गई। इसमें से 916 कैदी (2.7 प्रतिशत) पॉजिटिव मिले। इसी तरह 24404 की सिफलिस संबंधी जांच हुई। उसमें से 168 (0.7 प्रतिशत) उक्त बीमारी से संक्रमित मिले। 23879 कैदियों की एचआईवी जांच की गई। इनमें 923 (3.9 प्रतिशत) पॉजिटिव मिले। 33576 की टीबी संबंधी जांच की गई। इसमें 143 (0. 7 प्रतिशत) कैदी पॉजिटिव मिले हैं। 20904 की हैपेटाइटस-बी और 21299 की हैपेटाइटस-सी की जांच की गई। इनमें 43 (0.7 प्रतिशत) हैपेटाइटस-बी और 4846 (23 प्रतिशत) हैपेटाइटस-सी से संक्रमित मिले।
जेलों में नशा पहुंचाने वाले अधिकारी न-पेंगे
मीटिंग के दौरान स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव डॉ. कार्तिक अडापा ने जेल, बाल घरों, नशा छुड़ाओ और पुनर्वास केंद्रों में सबूत आधारित रोकथाम और इलाज सेवाओं को बढ़ाने की महत्ता पर जोर दिया। वर्ल्ड हैल्थ पार्टनर्स की कंट्री डायरेक्टर प्राची शुक्ला ने जेल के कैदियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य जांच, काउंसलिंग और रेफरल पर केंद्रित महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया।
यह प्रोजेक्ट पंजाब सरकार के स्वास्थ्य विभाग की साझेदारी के साथ पंजाब की चार केंद्रीय जेलों में लागू किया जाएगा। डॉ. बलबीर सिंह ने एडीजीपी जेल अरुण पाल सिंह को जेलों में नशों की कुरीति को पूरी तरह रोकने के लिए जेल विभाग में दागी अधिकारियों की शिनाख्त करके उनके खिलाफ बनती कार्रवाई करने की भी अपील की।
गांवों को नशा मुक्त बनाने की अपील
स्वास्थ्य मंत्री ने नशा-मुक्त गांवों की स्थापना के लिए पहलकदमियों का सुझाव दिया और मौजूदा पुनर्वास केंद्रों और नशा छुड़ाओ केंद्रों (एसयूडीटीसी) द्वारा प्रदान की जाती सेवाओं के नतीजों के विश्लेषण की सिफारिश की। मंत्री ने समूह गांवों की पंचायतों, मोहल्ला कमेटियों और अन्य गैर-सरकारी संस्थाओं को पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए एकजुट होने की अपील भी की।
