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चंडीगढ़। राज्य में अनाधिकृत कॉलोनियों में स्थित जायदादों की रजिस्ट्रेशन के लिए अपेक्षित एन.ओ.सी. के लिए आवेदन के तुरंत और समय पर निपटारे को सुनिश्चित बनाने के लिए पंजाब सरकार ने अहम फैसला लिया है। सरकार ने एन.ओ.सी. प्राप्त करने के लिए रेगुलराइजेशन पोर्टल पर आवेदन जमा करवाने से लेकर इनके निपटारे तक की सारी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। राज्य सरकार ने एन.ओ.सी. जारी करने की सारी प्रक्रिया को मुकम्मल करने के लिए अधिक से अधिक 21 वर्किंग दिनों की समय-सीमा भी निर्धारित कर दी है। जानकारी देते हुए पंजाब के आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि रेगुलराइजेशन की यह सुविधा केवल उन अलॉटियों/निवासियों को ही मिल सकती है, जिनकी संपत्तियां 19 मार्च, 2018 से पहले विकसित हुई अनाधिकृत कॉलोनियों में आती हैं। संबंधित व्यक्ति अब अनाधिकृत कॉलोनियों में स्थित प्लॉटों और ईमारतों को नियमित करने के लिए पोर्टल www.punjabregularization.in पर लॉग इन कर सकता है। उन्होंने बताया कि यह सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। अब तक आवेदनों का निर्णय ऑनलाइन किया जाता था, जिस कारण आवेदनकर्ता को एन.ओ.सी. के लिए लम्बे समय के लिए इंतजार करना पड़ता था। बड़ी संख्या में लोगों ने अपने खून-पसीने की कमाई से जानकारी न होने के कारण अनाधिकृत कॉलोनियें में जायदादें खरीदीं। ऐसे लोगों को राहत देने के लिए रेगुलराइजेशन पोर्टल को नया रूप दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अपनी जायदादों को नियमित करवाने के लिए अप्लाई करने के इच्छुक अनाधिकृत कॉलोनियों के अलॉटियों/निवासियों की सुविधा के लिए इस पोर्टल पर नई सुविधाएं शुरू की गई हैं। अब इस पोर्टल पर बड़ी संख्या में सुविधाएं जैसे कि आवेदन पत्र जमा करना, ऑनलाइन फीस का भुगतान, आवेदन की स्थिति की जांच और इसका ऑनलाइन निपटारा आदि उपलब्ध हैं। यह सिंगल पोर्टल आवेदन के तुरंत निपटारे के लिए एम.सी. और एम.सी. क्षेत्र के बाहर प्लॉटों और ईमारतों को नियमित करने के लिए तैयार किया गया है। आवेदनों के जल्द और समय पर निपटारे के लिए इस प्रक्रिया की समय-सीमा तय कर दी गई है, जिसकी निगरानी की जाएगी। एन.ओ.सी. जारी करने की सारी प्रक्रिया पोर्टल पर एप्लीकेशन जमा करने के 21 वर्किंग दिनों के अंदर पूरी की जाएगी। जिक्रयोग्य है कि पंजाब सरकार ने 19.03.2018 से पहले होंद में आईं अनाधिकृत कॉलोनियों में आने वाले प्लॉटों को नियमित करने के लिए 18.10.2018 को एक नीति नोटिफाई की थी। परन्तु आवेदनों की प्रक्रिया ऑफलाइन होने के कारण प्लॉट होल्डरों को अपने प्लॉटों को नियमित करवाने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए यह ऑनलाइन सुविधा शुरू की गई है जिससे लोगों को किसी भी तरह की मुश्किल का सामना ना करना पड़े।
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