पंजाब
पंजाब सरकार ने जरूरी कर दिया e- stamp, हजारों लोग हुए बेरोजगार
Shantanu Roy
25 Sep 2022 2:21 PM GMT
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जालंधर। पंजाब में ई-स्टाम्प अनिवार्य किए जाने के बाद जहां कागजी स्टाम्प पेपर की बिक्री पूरी तरह से बंद हो गई है, वहीं सर्वाधिक बिकने वाले 10, 20, 50 और 100 के स्टाम्प पाने को लेकर लोगों को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा राज्य में सैंकड़ों स्टाम्प वैंडरों व उनके परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। केवल जालंधर जिले में हर रोज करीब 1.50 करोड़ रुपए के स्टाम्प की बिक्री होती है। इसमें सर्वाधिक स्टाम्प वसीयत, एफिडेविट व कोर्ट मामलों आदि में इस्तेमाल होते हैं। पंजाब सरकार के आदेशों के बाद फिजिकल स्टाम्प की बिक्री पर रोक से राज्य भर के 5000 के करीब स्टाम्प विक्रेता बेरोजगार हो गए हैं, विशेष रूप से छोटे स्तर पर इस कारोबार से जुड़े वैंडरों पर ज्यादा असर पड़ा है।
स्टाम्प फरोश यूनियन के पंजाब के कन्वीनर और जालंधर के चेयरमैन सतीश बाली व महासचिव करण रेहान का कहना है कि केवल जालंधर में 200 स्टाम्प वैंडर बेरोजगार हो गए हैं और उनके लिए परिवार का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है। राज्य में सैंकड़ों स्टाम्प वैंडर ऐसे हैं जो छोटे फिजिकल स्टाम्प पेपर बेचते थे, परंतु सरकार ने 10 रुपए से लेकर हरेक स्तर के छोटे-बड़े फिजिकल स्टाम्प पेपर बंद करके केवल ई-स्टाम्प सुविधा लागू कर दी है। इससे छोटे स्टाम्प वैंडर के लिए कम्प्यूटर, कम्प्यूटर ऑप्रेटर, प्रिंटर, इंटरनैट जैसी व्यवस्थाओं का खर्च वहन कर पाना बेहद मुश्किल भरा है। वहीं ऐसे स्टाम्प वैंडर ई-स्टाप सुविधा के चलते बड़ी इन्वैस्टमैंट कर पाने में भी असमर्थ साबित होते हैं।
पिछले 30-35 वर्षों से स्टाम्प वैंडर का लाइसैंस लेकर काम कर रहे सीनियर सिटीजन वैंडर के लिए ऑनलाइन सिस्टम को अपनाना नामुमकिन है जिस कारण उनको अपना कारोबार बंद करना पड़ रहा है। सतीश व करण ने कहा कि इसके अलावा ई-स्टाम्प पेपर की बिक्री में मिलने वाली कमीशन से कहीं ज्यादा इसे ऑनलाइन निकालने पर खर्च हो रहा है जिस कारण तहसील व सब तहसीलों में ई-स्टाम्प की धड़ल्ले से ब्लैक मार्कीटिंग हो रही है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मांग की कि राज्य में 10 से लेकर 2000 रुपए तक के फिजिकल स्टाम्प पेपर बेचने का आदेश जारी करें ताकि छोटे ई-स्टाम्प पेपर खरीदने को लेकर 4-4 घंटे कतारों में खड़े होने को मजबूर हो रही जनता को राहत मिल सके। इसके अलावा ई-स्टाम्प पर आ रहे खर्च को देखते हुए स्टाम्प वैंडरों की कमीशन 10 प्रतिशत निर्धारित की जाए।
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