पंजाब: आयुष्मान योजना सरकारी अस्पतालों में भी ठप पड़ी, आरोग्य मित्रों को दो माह से नहीं मिला वेतन
ब्रेकिंग न्यूज़: आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पंजाब पर बकाया 16 करोड़ की राशि में से 10 करोड़ 40 लाख रुपये का भुगतान पीजीआई को कर दिया गया है। पीजीआई प्रशासन ने पुष्टि की है कि पंजाब से 10 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि मिल गई है पंजाब में आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। निजी अस्पतालों ने पहले ही उनके लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए थे और अब सरकारी अस्पतालों में 'आरोग्य मित्रों' ने भी उनकी सहायता करना बंद कर दिया है। आयुष्मान योजना के लाभार्थियों की सहायता के लिए सरकारी अस्पतालों में तैनात 150 'आरोग्य मित्र' ने अपनी सेवाएं देना बंद कर दिया क्योंकि उन्हें पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है। वे वहां योजना के लाभार्थियों की मदद करने के लिए मौजूद थे ताकि उन्हें आसानी से इलाज मिल सके।
उनके विरोध के परिणामस्वरूप, आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना राज्य भर के सभी सरकारी अस्पतालों में ठप हो गई है। यह योजना कार्ड धारकों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस स्वास्थ्य उपचार सुनिश्चित करती है अफसोस की बात है कि सरकार द्वारा बकाया राशि की प्रतिपूर्ति करने में विफल रहने के बाद, निजी सूचीबद्ध अस्पतालों ने स्वास्थ्य योजना के पात्र लाभार्थियों के लिए पहले ही अपने दरवाजे बंद कर दिए थे। जून से नहीं मिला वेतन जून से वेतन नहीं मिलने वाले आरोग्य मित्रों ने मंगलवार से लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड की प्रोसेसिंग बंद कर दी है। वेतन न मिलने के कारण कई जगह आरोग्य मित्रों ने प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने दावा किया कि आउटसोर्सिंग एजेंसी को राज्य स्वास्थ्य एजेंसी से धन नहीं मिला है।
पंजाब से पीजीआई को मिले 10.40 करोड़ आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पंजाब पर बकाया 16 करोड़ की राशि में से 10 करोड़ 40 लाख रुपये का भुगतान पीजीआई को कर दिया गया है। पीजीआई प्रशासन ने पुष्टि की है कि पंजाब से 10 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि मिल गई है। वहीं यूटी प्रशासन के अंतर्गत संचालित सरकारी अस्पतालों में भी बकाया भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत जीएमएसएच-16 को 21 लाख रुपये मिले हैं। गौरतलब है कि पंजाब पर योजना के तहत करोड़ों रुपये बकाया होने के कारण चंडीगढ़ के अस्पतालों में वहां के मरीजों का इलाज बंद कर दिया था। इसके बाद मामले में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा था। सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के बाद पीजीआई ने पांच अगस्त को मरीजों का इलाज शुरू किया। वहीं जीएमसीएच 32 व जीएमएसएच 16 ने भी इलाज शुरू कर दिया है।