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Punjab,पंजाब: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय Punjab and Haryana High Court ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि आरोप चार वर्ष से अधिक पुरानी घटना से संबंधित हैं तो सेवानिवृत्त कर्मचारी के खिलाफ सेवा के दौरान हुए नुकसान के लिए वसूली की कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती। यह फैसला सेवानिवृत्त आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी द्वारा दायर याचिका के जवाब में आया है, जिसमें उन्हें “राज्य के खजाने को हुए वित्तीय नुकसान” की प्रतिपूर्ति करने के लिए उत्तरदायी बनाया गया था। पंजाब सिविल सेवा नियम के नियम 2.2(बी) के तहत प्रावधानों का हवाला देते हुए, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति हरसिमरन सिंह सेठी ने 8.97 लाख रुपये से अधिक की वसूली के आदेश को भी खारिज कर दिया। पीठ के समक्ष उपस्थित हुए वकील मनु के भंडारी ने कहा कि अधिकारी को 1996 और 2004-2005 में अपने कार्यकाल के दौरान हुई कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए उत्तरदायी ठहराया गया था। विस्तृत दलीलें सुनने और कानून के प्रासंगिक प्रावधानों को देखने के बाद, न्यायमूर्ति सेठी ने जोर देकर कहा कि नियमों के तहत वसूली केवल उन घटनाओं के लिए शुरू की जा सकती है जो किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के चार साल के भीतर हुई हों। चूंकि अधिकारी के खिलाफ आरोप चार साल से अधिक पुरानी घटनाओं से संबंधित थे, इसलिए राज्य की वसूली कार्रवाई को अवैध माना गया।
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Payal
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