पंजाब

हड़ताल से पीआरटीसी को पहले दिन 20 लाख रुपये का नुकसान

Ritisha Jaiswal
19 May 2022 4:20 PM GMT
हड़ताल से पीआरटीसी को पहले दिन 20 लाख रुपये का नुकसान
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नियमित करने की मांग को लेकर कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन के बैनर तले पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के कांट्रैक्ट मुलाजिम गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

नियमित करने की मांग को लेकर कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन के बैनर तले पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के कांट्रैक्ट मुलाजिम गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल के चलते राज्य में सरकारी बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इस हड़ताल में राज्य के 27 बस डिपो, जिनमें 18 पंजाब रोडवेज और 9 पीआरटीसी के डिपो शामिल हैं, में कार्यरत करीब 8,000 कांट्रैक्ट मुलाजिम हिस्सा ले रहे हैं।

वर्तमान में ड्राइवर और कंडक्टर के पदों पर कार्य कर रहे इन कांट्रैक्ट मुलाजिमों को प्रतिमाह वेतन के रूप में क्रमश: 18 हजार और 16 हजार रुपये मिल रहे हैं। कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह ने कहा कि पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी में उनकी यूनियन के सदस्यों नियमित करने को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से चक्का जाम का एलान किया था लेकिन इस पर राज्य सरकार नहीं जागी, जिसके चलते यूनियन को अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू करनी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि कई बैठकों और कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के आश्वासन के बावजूद पंजाब सरकार ने आज तक इस मामले को सुलझाने की तरफ कोई कदम नहीं बढ़ाया। यही वजह है कि कर्मचारियों को हड़ताल पर जाना पड़ा। रेशम सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह सरकारी परिवहन सेवाओं को खत्म करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार मांगों को मानने के बजाय कांट्रैक्ट मुलाजिमों के खिलाफ झूठे मामले दर्जकर कर्मचारियों की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। उधर, गुरुवार को परिवहन मुलाजिमों की उक्त हड़ताल के चलते अधिकांश सरकारी बसों का आवागमन बाधित हुआ और यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। हालांकि, पक्के मुलाजिमों की सेवाएं जारी रहीं। साथ ही निजी बसें सड़कों पर दौड़ती रहीं।
एक ही दिन में 20 लाख का नुकसान
हड़ताल से पीआरटीसी को पहले दिन 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। पीआरटीसी की मैनेजिंग डायरेक्टर पूनमदीप कौर ने इसकी पुष्टि की और बताया कि विभिन्न डिपो के जनरल मैनेजरों की ओर से अपने-अपने इलाकों में ठेका व आउटसोर्सिंग मुलाजिमों के साथ बैठक की गई हैं। इसके बाद अब पूरी उम्मीद है कि शुक्रवार को मुलाजिम हड़ताल पर नहीं जाएंगे।
उन्होंने बताया कि मुलाजिमों की अप्रैल महीने की सैलरी जारी होने में देरी के कारण उनमें ज्यादा नाराजगी थी, जिसे दूर कर दिया गया है। नियमित करने का फैसला सरकार लेगी। इस बारे में मुलाजिमों को बैठक कर समझाया गया है।
पंजाब रोडवेज व पनबस के बाद गुरुवार दोपहर बाद पीआरटीसी के ठेका व आउटसोर्सिंग मुलाजिम भी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए। सुबह पहले इन मुलाजिमों ने पटियाला में सरहदी गेट स्थित पीआरटीसी की वर्कशॉप के आगे धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद जब मांगों को लेकर कोई बात न बन सकी तो दोपहर को मुलाजिम हड़ताल पर चले गए। दोपहर से शुरू हुई हड़ताल से पीआरटीसी को 20 लाख का नुकसान हो गया। इस समय कारपोरेशन की रोजाना की आय दो करोड़ छह लाख रुपये है। कारपोरेशन के बेड़े में 1310 बसें हैं, जिनमें से 10 फीसदी के करीब बसें डिपो में बेकार खड़ी रहीं


Ritisha Jaiswal

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