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Chandigarh चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी भी सरकारी पुनर्वास योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता का ठोस दस्तावेज़ी प्रमाण ज़रूरी है। यह टिप्पणी कोर्ट ने चंडीगढ़ की संजय कॉलोनी के निवासियों की बेदखली के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए दी।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि उन्हें झुग्गियों से हटाने से पहले पुनर्वास मिलना चाहिए। हालांकि, अदालत ने पाया कि वे लंबे समय से निवास के या योजना के तहत पात्रता के कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके। यह आदेश 22 अप्रैल को पारित हुआ और कॉलोनी का ध्वस्तीकरण 23 अप्रैल को किया गया।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता 30 वर्षों से अधिक समय से कॉलोनी में रहने के अपने दावे के समर्थन में कोई दस्तावेज़ नहीं दे सके, इसलिए उनकी याचिका में कोई कानूनी दम नहीं है।
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Riyaz Ansari
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