पंजाब

प्रताप सिंह बाजवा और सुखपाल खैरा ने विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने का उठाया मुद्दा

Renuka Sahu
25 Jun 2022 5:54 AM GMT
Pratap Singh Bajwa and Sukhpal Khaira raised the issue of extending the duration of the assembly session
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फाइल फोटो 

पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने मौजूदा सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग उठाई।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने मौजूदा सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग उठाई। उन्होंने सत्ता पक्ष से सदस्यों का हवाला देते हुए स्पीकर से कहा कि जब यह विपक्ष में थे तो हर बार विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करते थे लेकिन इन्होंने सत्ता में आते ही यह सत्र केवल छह दिन का बुलाया है, जो बहुत की कम है। इतने कम समय में सभी सदस्य अपनी बात नहीं रख सकेंगे।

प्रताप बाजवा का साथ देते हुए कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कुछ कागज सदन में दिखाते हुए कहा कि यह आप विधायक अमन अरोड़ा, जयकिशन रोड़ी और हरपाल सिंह चीमा के वह मांग पत्र हैं, जो उन्होंने विपक्ष में रहते हुए स्पीकर को लिखकर सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की थी। खैरा ने कहा कि मात्र छह दिन का बजट सत्र विधानसभा के इतिहास का शायद सबसे छोटा सत्र है, जिसमें अनेक विधायक तो 'सुच्चे मुंह' (बिना कुछ बोले) ही वापस लौट जाएंगे, क्योंकि उन्हें समय ही नहीं मिल सकेगा। उन्होंने प्रताप बाजवा द्वारा उठाई गई मांग का समर्थन करते हुए मौजूदा सत्र को 20 दिन का करने की मांग रखी। इस पर स्पीकर ने कहा कि इस बार कुछ मजबूरी है, इसीलिए छोटे सत्र को भी डबल करके कामकाज के घंटे बढ़ाए गए हैं।
अभिभाषण पर बोलने के लिए इतना समय
सदन में सदस्यों को अपनी बात कहने के लिए मिलने वाले समय का उल्लेख करते हुए स्पीकर ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर सभी सदस्यों को उनकी पार्टी के अनुपात के आधार पर समय तय कर दिया है। इसके तहत निर्दलीय सदस्य को 3 मिनट, बसपा को 3 मिनट, भाजपा सदस्यों को 6 मिनट, अकाली दल के सदस्यों को 9 मिनट और आम आदमी पार्टी के सदस्यों को 4 घंटे 43 मिनट का समय अलॉट किया गया है।
पंजाब की शिक्षा पर सीएम और बाजवा आमने-सामने
प्रश्नकाल के दौरान जब पंजाब के शिक्षा मंत्री मीत हेयर प्रदेश के स्कूलों के सुधार की बात कह रहे थे, तभी नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने कहा कि देशभर में शिक्षा को लेकर पंजाब नंबर वन आया है, फिर भी पंजाब सरकार इसे अपना नहीं रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को इसे स्वीकार करना चाहिए। इस पर सदन में मौजूद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाजवा को करारा जवाब देते हुए कहा कि स्कूलों को बाहर से पेंट कर देने से वह स्मार्ट स्कूल नहीं बनते। स्कूल के अंदर क्या हाल है, कोई मूलभूत ढांचा है, कोई बैठने की जगह है, पीने का पानी है और शिक्षक कहां हैं? उन्होंने कहा कि यह नंबर वन नहीं है। यह जाली नंबर वन है और असली नंबर वन हम करके दिखाएंगे।
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