न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
धिकारियों के अनुसार, पंजाब सरकार पर योजना के तहत प्रतिपूर्ति के रूप में जीएमसीएच- 32 का अब तक दो करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। पीजीआई का 16 करोड़ रुपये बकाया है। हालांकि, पीजीआई ने अभी तक पंजाब के मरीजों के लिए इस योजना के तहत इलाज बंद करने का लिखित आदेश जारी नहीं किया है।
चंडीगढ़ में पंजाब के मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद कर दिया गया है। इसका मुख्य कारण पंजाब सरकार द्वारा चंडीगढ़ में इलाज कराने वाले अपने मरीजों के इलाज के खर्च का भुगतान न करना है। भुगतान न मिलने से सबसे पहले जीएमसीएच 32 ने इलाज बंद किया था। अब पीजीआई ने इलाज करने से मना कर दिया है। पीजीआई में भी पिछले दो दिनों से पंजाब के एक भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया है।
हालांकि पीजीआई प्रशासन ने अभी इस संदर्भ में कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया है। फिर भी अधिकारियों के मौखिक आदेश का पालन किया जा रहा है। इमरजेंसी व अन्य यूनिटों में पंजाब के एक भी मरीज को भर्ती कर इलाज नहीं दिया जा रहा है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को हो रही है। बुधवार को पीजीआई में पंजाब से कीमो कराने आए दर्जनों मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा। उधर, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आयुष्मान भारत का समझौता पिछली सरकार ने दिसंबर में रद्द कर दिया था लेकिन हम इसे ट्रस्ट बोर्ड पर चला रहे हैं। योजना चल रही है, जारी रहेगी। इलाज से इनकार करने वाले किसी भी अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
जो भर्ती हैं, उनका इलाज है जारी
पीजीआई में पंजाब के किसी भी नए मरीज को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत भर्ती नहीं किया जा रहा है लेकिन जो मरीज पहले से यहां भर्ती हैं उनका इलाज जारी रखा गया है। मौजूदा समय में पीजीआई के कार्डियक सेंटर, एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर, नेहरू अस्पताल, एडवांस आई सेंटर, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, एडवांस आई सेंटर, ऑन्कोलॉजी विभाग में पंजाब के 50 से ज्यादा मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
पीजीआई न्यू ओपीडी बिल्डिंग में बनाए गए आयुष्मान काउंटर पर बुधवार को इक्का-दुक्का मरीज ही नजर आए। जबकि सामान्य दिनों में वहां योजना के अंतर्गत इलाज के लिए आने वाले मरीजों की लंबी कतार नजर आती थी। कर्मचारियों का कहना है कि वहां सबसे ज्यादा कीमो कराने वाले मरीज आते हैं। क्योंकि निजी अस्पतालों में कीमो कराने का शुल्क काफी ज्यादा है।
वहीं कीमो कराने आए पंजाब के एक मरीज ने बताया कि उसे 21 दिन में कीमो कराना होता है, जो पीजीआई में काफी सस्ते दर पर हो जाता है। अब इसके लिए उन्हें निजी अस्पताल में 3000 से 4000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
छह महीने से उधार पर हो रहा था इलाज
पंजाब सरकार ने छह महीने से अधिक समय पहले चंडीगढ़ को आयुष्मान भारत योजना का भुगतान रोक दिया था। सबसे पहले जीएमसीएच- 32 और अब पीजीआई ने पंजाब के मरीजों का इलाज बंद कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, पंजाब सरकार पर योजना के तहत प्रतिपूर्ति के रूप में जीएमसीएच- 32 का अब तक दो करोड़ रुपये से अधिक बकाया है।
पीजीआई का 16 करोड़ रुपये बकाया है। हालांकि, पीजीआई ने अभी तक पंजाब के मरीजों के लिए इस योजना के तहत इलाज बंद करने का लिखित आदेश जारी नहीं किया है। फिर भी दो दिनों से पंजाब के किसी नए मरीज को पीजीआई में भर्ती नहीं किया गया है।
कहा से लाए इलाज का खर्च
जीएमएसएच 16 के चिकित्सा अधीक्षक व संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डॉ वीके नागपाल ने बताया कि पंजाब सरकार ने इस योजना के तहत लगभग 40 लाख परिवारों को नामांकित किया था। केंद्र यूटी को 100 प्रतिशत भुगतान प्रदान करता है। लागत विभाजन केंद्र द्वारा 60 प्रतिशत और राज्य द्वारा 40 प्रतिशत के अनुपात में होता है।
राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटाबेस के अलावा इस योजना के तहत जितने चाहें उतने लोगों को जोड़ने की अनुमति है। हालांकि, नए लोगों के इलाज का खर्च राज्य को वहन करना होगा। कई अनुरोधों के बावजूद, हमें पंजाब सरकार से पैसा नहीं मिला है। पंजाब से इस योजना के तहत मरीजों का इलाज जारी रखना हमारे लिए कठिन हो रहा था। इसलिए योजना के तहत पंजाब के मरीजों की नियमित सर्जरी व इलाज बंद कर दिया गया है।
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार पर आयुष्मान योजना के तहत 16 करोड़ का बकाया है। इसमें 2021 से अब तक के मरीजों के इलाज पर आया खर्च शामिल है। पीजीआई प्रशासन ने पंजाब सरकार को योजना के लाभार्थियों को प्रदान किए गए उपचार के संबंध में लंबित राशि का भुगतान करने के लिए कई बार कहा है लेकिन उस पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। पीजीआई में प्रतिमाह पंजाब के 1200 से 1400 लाभार्थियों का आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज होता है।
Ayushman Bharat's agreement was canceled by previous govt in December but we're running it on trust board. Scheme is ongoing, will continue.Any hospital refusing treatment to be taken strict action against:HS Cheema, Punjab Finance Min on Ayushman scheme stopped in PGI Chandigarh pic.twitter.com/5XylDJyePu
— ANI (@ANI) August 3, 2022