पंजाब

पुलिस की कार्रवाई, कांग्रेसी पार्षद व उनके बेटे सहित कईयों के खिलाफ केस दर्ज, जानें मामला

Shantanu Roy
4 Aug 2022 4:39 PM GMT
पुलिस की कार्रवाई, कांग्रेसी पार्षद व उनके बेटे सहित कईयों के खिलाफ केस दर्ज, जानें मामला
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जालंधर। कांग्रेस के शासन दौरान 6 अलग-अलग सोसाइटियों को कम्युनिटी हाल बनाने के लिए दिए 10-10 लाख रुपए की सरकारी ग्रांट को निजी तौर पर इस्तेमाल करने पर थाना 8 में कांग्रेस पार्टी के पार्षद सुशील कालिया, उनके बेटे अंशूमन कालिया, अन्य रिश्तेदारों समेत सोसाइटियों के 27 सदस्यों के खिलाफ सोची-समझी साजिश के तहत धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कर लिया है। यह मामला बीजेपी नेता के.डी. भंडारी व जौली बेदी ने उठाया था, जिसकी शिकायत पूर्व डी.सी. घनश्याम थौरी को दी गई थी, जबकि जांच में ए.डी.सी. वरिंदर पाल सिंह बाजवा ने पाया कि सरकारी ग्रांटों का वहां इस्तेमाल ही नहीं हुआ, जहां के लिए ग्रांटें जारी हुई थीं। एडीसी बाजवा ने सारी रिपोर्ट तैयार करके इंडस्ट्रीयल सोसाइटी डिवैल्पमैंट, इंडस्ट्रीयल सोसाइटी वेल्फेयर व डिवैल्पमैंट जालंधर, भाई लालो के नाम भी बनाई सोसाइटी, शहीद भगत सिंह वैल्फेयर हाऊसिंग सोसाइटी, शिव नगर यूथ वैल्फेयर सोसाइटी समेत 6 सोसाइटी के पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। यह 6 एफआईआर थाना 8 में दर्ज की गई हैं।

जांच में यह बात भी सामने आई थी कि उक्त लोगों ने पुरानी चल रही सोसाइटी के नाम से दूसरी सोसाइटी बना कर बैंक खाते भी उसी सोसाइटी के नाम पर खोल कर ग्रांट का चैक उक्त खातों में लगा लिया व पैसे निजी हित के लिए इस्तेमाल किया गया। ऐसी एक सोसाइटी पार्षद सुशील कालिया ने भी 2018 में बनाई थी और उनके बेटे अंशूमन के खाते से नए खोले गए सोसाइटी के खाते से 7 लाख से भी ज्यादा पैसे ट्रांसफर किए गए लेकिन भाजपा नेता के.डी भंडारी व जौली बेदी ने जब शिकायत दी तो अंशूमन ने वह सारी रकम सोसाइटी के ही खाते में ट्रांसफर कर दी। हालांकि पैसे वापिस करने पर अंशूमन को नामजद किया गया क्योंकि उसने सरकारी ग्रांटों का वहां इस्तेमाल नहीं किया जहां पर इस्तेमाल होने के लिए ग्रांट ली गई थी। यह धोखाधड़ी 60 लाख रुपए की बताई गई है जिसमें अन्य पार्षदों के नाम भी पुलिस की जांच में सामने आ सकती है। जिन-जिन लोगों को नामजद किया गया है, उसमें सुशील कालिया के कुछ अन्य रिश्तेदार भी शामिल हैं।
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