पंजाब
PM सुरक्षा मामला: किसानों ने जारी की बयान, बोले- 'नहीं पता था पीएम वहां से गुजरेंगे, जान को खतरा वाली बात पूरी तरह मनगढ़ंत'
Deepa Sahu
6 Jan 2022 5:43 PM GMT
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पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोकने और सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा पैदा करने के संबंध में सड़क जाम करने वाले किसानों ने एक बयान जारी किया है।
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोकने और सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा पैदा करने के संबंध में सड़क जाम करने वाले किसानों ने एक बयान जारी किया है। किसानों का कहना है कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि पीएम उस रास्ते से गुजरेंगे। हालांकि पुलिस ने उन्हें रोडब्लॉक शुरू करने के बाद सूचित किया। किसानों ने कहा कि उन्हें पुलिस पर विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा, पीएम मोदी को बस "किसी को भेजकर हमें आगे बढ़ने के लिए कहना चाहिए था"।
पंजाब सरकार ने दिए जांच के आदेश
बुधवार को फिरोजपुर में एक राजनीतिक रैली को संबोधित करने के दौरान पीएम मोदी पंजाब के बठिंडा में एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। इसे सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला माना जा रहा है। इस घटना ने भाजपा और राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस के बीच एक बड़ा राजनीतिक टकराव पैदा कर दिया और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। पंजाब सरकार ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
क्यों विरोध कर रहे थे किसान?
अपने बयान में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 जनवरी को प्रस्तावित पंजाब के दौरे की खबर मिलने पर संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 10 किसान संगठनों ने अजय मिश्र टेनी की गिरिफ्तारी और अन्य बकाया मांगो को लेकर उनका प्रतीकात्मक विरोध करने का ऐलान किया था। इस उद्देश्य से 2 जनवरी को पूरे पंजाब में गांव स्तर पर और 5 जनवरी को जिला और तहसील मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन के कार्यक्रम घोषित किए गए थे। प्रधानमंत्री की यात्रा रोकने या उनके कार्यक्रम में अड़चन डालने का कोई कार्यक्रम नहीं था।"
'किसानों को नहीं थी कोई खबर'
मोर्चा ने अपने बयान में आगे कहा, "पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 5 जनवरी को पंजाब के हर जिले और तहसील मुख्यालय पर शांतिपूर्ण विरोध किया गया। जब पुलिस प्रशासन द्वारा कुछ किसानों को फिरोजपुर जिला मुख्यालय जाने से रोका गया तो उन्होंने कई जगह सड़क पर बैठ कर इसका विरोध किया। इनमें से प्यारेयाणा का वह फ्लाईओवर भी था जहां प्रधानमंत्री का काफिला आया, रुका और वापस चला गया। वहां के प्रदर्शनकारी किसानों को इसकी कोई पुख्ता सूचना नहीं थी कि प्रधानमंत्री का काफिला वहां से गुजरने वाला है। उन्हें तो प्रधानमंत्री के वापिस जाने के बाद मीडिया से यह सूचना मिली।"
'प्रधानमंत्री की जान को खतरा होने की बात बिल्कुल मनगढ़ंत'
बयान में आगे कहा गया, "मौके की वीडियो से यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रदर्शनकारी किसानों ने प्रधानमंत्री के काफिले की तरफ जाने की कोई कोशिश तक नहीं की। बीजेपी का झंडा उठाए "नरेंद्र मोदी जिंदाबाद" बोलने वाला एक समूह ही उस काफिले के नजदीक पहुंचा था। इसलिए प्रधानमंत्री की जान को खतरा होने की बात बिल्कुल मनगढ़ंत लगती है।"
'पंजाब प्रदेश और किसान आंदोलन दोनों को बदनाम करने की कोशिश'
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, पीएम मोदी ने भटिंडा हवाई अड्डे के अधिकारियों से कहा: "अपने सीएम को धन्यवाद कहना, की में भटिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट आया।" इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह बहुत अफसोस की बात है कि अपनी रैली की विफलता को ढकने के लिए प्रधानमंत्री ने "किसी तरह जान बची" का बहाना लगाकर पंजाब प्रदेश और किसान आंदोलन दोनों को बदनाम करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, "सारा देश जानता है कि अगर जान को खतरा है तो वह किसानों को अजय मिश्र टेनी जैसे अपराधियों के मंत्री बनकर छुट्टा घूमने से है। संयुक्त किसान मोर्चा देश के प्रधानमंत्री से यह उम्मीद करता है कि वह अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए ऐसे गैर जिम्मेदार बयान नहीं देंगे।"
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