परिवार पहचान पत्र अंत्योदय परिवारों के लिए वरदान, 68 लाख परिवारों का डाटा सत्यापितः सीएम
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र अंत्योदय परिवारों के लिए वरदान साबित हुआ है। इससे उन्हें विकास योजनाओं का लाभ समयबद्ध तरीके से मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र आज प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश और दुनिया के लिए मिसाल बन रहा है। कई राज्यों ने पीपीपी को अपनाने की पहल की है। वहीं सरकारी योजनाएं लागू करने के लिए प्रशासन को भी सुविधा मिली है।
बुढ़ापा पेंशन के लिए अब न सरपंच, न नंबरदार और न ही बीडीओ कार्यालय जाने की जरूरत है। व्यक्ति की आयु जैसे ही 60 वर्ष हो जाती है उसका नाम बुढ़ापा पेंशन सूची में दर्ज हो जाता है। उसे आगामी से पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है, जो सीधी लाभार्थी के खाते में जाती है। हर माह 2750 रुपए मिलने शुरू हो जाते हैं। इससे अपात्र लाभार्थियों की लीकेज खत्म हुई है। यही नहीं जाति प्रमाण पत्र, पीडीएस जैसी दर्जनों सेवाएं अब लाभार्थी तक ऑटोमेटिक तरीके से पहुँच रहीं हैं। इससे जहां कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आई है वहीँ योजनाओं का लाभ भी सुनिश्चित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाटा को फूलप्रूफ बनाने के कई चेक व बैरियर लगाए गए हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति इस डाटा से छेड़छाड़ न कर पाए। समय -समय पर इस डाटा का सुरक्षा ऑडिट भी किया जाता है। इसके अलावा डाटा अपडेशन निरंतर प्रक्रिया है। समय-समय पर प्रशासनिक कमेटियों द्वारा न केवल डाटा की जाँच-पड़ताल की जाती है बल्कि कोई त्रुटि पाए जाने पर उसे अपडेट भी किया जाता है।
प्रदेश के ऐसे 68 लाख परिवार हैं जिन्होंने अपने परिवार संबंधी सभी जानकारियों को उपलब्ध करवाया है। इसकी बदौलत सरकार पीपीपी का डाटा तैयार कर पाई। इससे गरीब परिवारों की पहचान हुई है जिन्हें सरकार ने योजनाओं का लाभ देने के लिए पुख्ता प्रबंध भी किए हैं।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।