ब्रेकिंग न्यूज़: 26 दिन पहले रायपुररानी के गांव टोड़ा के पास टांगरी नदी में नहाने गए 17 वर्षीय किशोर की डूबने से मौत हो गई थी। इसके बाद पिंजौर स्थित कौशल्या नदी में दो लोग फंस गए थे। उन्हें एनडीआरफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बचाया था।स्कूल से घर लौटते समय हरियाणा के पंचकूला जिले के गांव दंदोली निवासी 12वीं के छात्र ललित कुमार की घग्गर नदी में डूबने से मौत हो गई। उसका शव परिजनों को दो दिन बाद रविवार सुबह घटनास्थल से करीब 250 मीटर दूर पत्थरों के बीच फंसा मिला। पीठ पर किताबों से भरा बैग था। परिजनों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल पहुंचाया और पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। घटना से परिवार में मातम का माहौल है, जबकि गांव में शोक की लहर है। ललित शुक्रवार से गायब था, जिसे परिजनों ने ढूंढने का प्रयास भी कर रहे थे।
परिजनों ने पुलिस चौकी में भी शिकायत दी थी। पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश के कारण घग्गर नदी उफान पर है। शुक्रवार ललित कुमार अपने गांव दंदोली से पैदल चल मोरनी स्कूल पहुंचा। स्कूल से छुट्टी के बाद वह दो दोस्तों के साथ पैदल घर की ओर निकला। तीनों दोस्तों ने पहले छामला गांव के पास नदी को एक साथ पार किया। इसके बाद दो दोस्त अपने घर चले गए और ललित अकेले घर की ओर बढ़ा। कयास लगाया जा रहा है कि जब वह बड़ीशेर के छोई गांव के पास उसने उफनती नदी को पार करना चाहा तो वह असफल रहा और तेज बहाव में बह गया। 26 दिन पहले भी नदी में डूबने से किशोर की हो गई थी मौत 26 दिन पहले रायपुररानी के गांव टोड़ा के पास टांगरी नदी में नहाने गए 17 वर्षीय किशोर की डूबने से मौत हो गई थी। इसके बाद पिंजौर स्थित कौशल्या नदी में दो लोग फंस गए थे। उन्हें एनडीआरफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बचाया था। इसके बाद घग्गर नदी में एक युवक ने छलांग लगा दी थी।
पिछले सप्ताह सेक्टर-28 स्थित घग्गर नदी में एक व्यक्ति का कई दिन बाद शव मिला था। खतरनाक प्वाइंट पर फुटपाथ बनाने की जरूरत जिला प्रशासन बरसात के दिनों में हर साल लोगों को नदी नालों में जाने से रोकने का आदेश जारी करता है। बावजूद ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है। दर्जनों स्थानों पर बच्चे उफनती नदियों को दिन में कई बार पार कर शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं। जबकि, ग्रामीण रोजमर्रा के काम के लिए नदियों को पार करते हैं। हरियाणा सरकार ने पिछले कुछ सालों में इलाके में पुलों का निर्माण करवाया है। पुल के निर्माण से आवागमन आसान हुआ है। वहीं उन जगहों को नजरअंदाज किया गया जहां से बरसात व आम दिनों में सैकड़ों लोग नदी पार करते हैं। इन स्थानों को चिन्हित कर फुट ओवर ब्रिज का निर्माण करवाया जाना चाहिए। विधानसभा में कई बार समस्याओं को उठाया है लेकिन नजरअंदाज किया गया। पुल के निर्माण से वाहन चालक को तो राहत मिली, लेकिन पैदल चलने को लाभ नहीं मिला। प्रदीप चौधरी, विधायक कालका।
सालभर बहने वाली नदियों से ज्यादा खतरनाक बरसाती नदियां होती हैं। इलाके से निकलने वाली घग्गर भी अपने उफान पर होती है। लोग मजबूरी में ही अपनी जान को जोखिम में डालकर पार करते हैं। सरकार कुछ जरूरी स्थानों पर फुट ओवर ब्रिज का निर्माण करवाकर ग्रामीणों को सुविधा प्रदान करे। - ब्रिज किशोर, अध्यापक बारिश के दिनों में उफनती नदी पार कर काम पर जाना पड़ता है। दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले जरूरी सामान के लिए भी नदी से होकर ही जाना पड़ता है। जिससे हर समय हादसे का भय सताता रहता है। सरकार कुछ समाधान करवाए और जरूरत की जगह फुट ओवर ब्रिज का निर्माण करवाए। खेमराज, पूर्व सरपंच कोठी पंचायत। नदी पार के गांवों में बरसात के दिनों में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दिन में गर्भवती महिलाओं के अलावा बुजुर्गों को सबसे अधिक परेशानी होती है। जिन्हें चारपाई पर लादकर और न पैदल ही नदी को पार कराया जा सकता है। सरकार ध्यान दे और फुट ओवर ब्रिज बनाकर समाधान करवाए।