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विपक्ष ने जताया विरोध, पांचवीं के पाठ्यक्रम से हटाई पूर्व मुख्यमंत्रियों की जीवनी

Admin4
12 Aug 2022 9:51 AM GMT
विपक्ष ने जताया विरोध, पांचवीं के पाठ्यक्रम से हटाई पूर्व मुख्यमंत्रियों की जीवनी
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा और गीता भुक्कल ने कहा कि भाजपा सरकार ने महापुरुषों की जीवनियों को पांचवीं के पाठ्यक्रम से हटाकर संकीर्ण सोच का परिचय दिया है।

हरियाणा सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्रियों और महाराजा अग्रसेन की जीवनियों को हटा दिया है। नए पाठ्यक्रम में इनकी जीवनी न होने पर विपक्ष और समाज में नाराजगी है। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा, पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल और एडवोकेट विजय बंसल ने विरोध जताते हुए इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

कक्षा पांचवीं की हिंदी पुस्तक में पाठ संख्या 11 पर महाराजा अग्रसेन की जीवनी थी। पाठ संख्या 14 पर हरियाणा के गौरव के नाम से सर छोटू राम, प्रथम मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा, पूर्व सीएम चौधरी देवीलाल, चौधरी बंसी लाल, राव बीरेंद्र सिंह व चौधरी रणबीर सिंह की जीवनी को पढ़ाया जा रहा था। 2020 में लागू किए नए पाठ्यक्रम में से इन्हें चुपचाप हटा दिया गया।

विजय बंसल ने कहा कि 2020 में कोरोना महामारी के आने पर स्कूल बंद हो गए। लॉकडाउन के दौरान किताबों की छपाई नहीं हुई। 2022-23 के शैक्षणिक सत्र में किताबें बच्चों को मिलीं तो उनसे इन महापुरुषों की जीवनियां हटाई जा चुकी थी जबकि देवीलाल के पड़पोते दुष्यंत चौटाला हरियाणा में उपमुख्यमंत्री, बेटे रणजीत सिंह बिजली मंत्री और राव वीरेंद्र के पुत्र राव इंद्रजीत केंद्र सरकार में मंत्री हैं।

उन्होंने इस मानसून सत्र में अग्रवाल समाज के सभी आठों विधायकों स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता, कैबिनेट मंत्री कमल गुप्ता, विधायक असीम गोयल, विधायक घनश्याम सर्राफ, विधायक दीपक मंगला, विधायक गोपाल गोयल कांडा, विधायक नरेंद्र गुप्ता और विधायक सुधीर सिंगला को पत्र लिखकर महाराजा अग्रसेन की जीवनी दोबारा से पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए पत्र भी लिखा था।

दोबारा पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएं महापुरुष: भुक्कल

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा और गीता भुक्कल ने कहा कि भाजपा सरकार ने महापुरुषों की जीवनियों को पांचवीं के पाठ्यक्रम से हटाकर संकीर्ण सोच का परिचय दिया है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकार को प्रायश्चित करते हुए फिर से महापुरुषों की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए।

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