
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
ऑडिट में हजारों अपात्र लाभार्थियों को शगुन योजना के तहत आर्थिक मदद मिलने का खुलासा हुआ है। अनुग्रह राशि योजना के तहत उन निर्माण श्रमिकों को आर्थिक मदद दी जाती थी जिनके नाम मृत्यु के बाद दर्ज किए गए थे।
पंजाब की कई कल्याणकारी योजनाओं में धांधली उजागर हुई है। वित्त विभाग के विशेष ऑडिट में इस खुलासे के बाद अब सरकार लगभग 80 करोड़ रुपये की वसूली करने जा रही है। सूबे की शगुन और निर्माण श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं में अपात्रों को आर्थिक मदद दी गई है। हैरानी की बात यह है कि इन अपात्रों में कुछ ऐसे भी लाभार्थी हैं जिनकी पहले ही मौत हो चुकी है।
पंजाब वित्त विभाग द्वारा हाल ही में किए गए विशेष ऑडिट में यह पाया गया है कि पंजाब बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (बीओसीडब्ल्यू) अधिकारियों ने कथित तौर पर बिचौलियों के साथ मिलकर अपात्र लाभार्थियों को वित्तीय मदद दी। कुछ मामले तो नौ साल पुराने भी हैं। विडंबना यह है कि श्रम विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
विभिन्न जिलों के सहायक श्रम आयुक्तों को जारी पत्र में अपात्रों को दी गई योजना की राशि वसूल कर जमा करने का निर्देश दिया है। इससे पहले 2020 में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैग) की एक रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट में 80 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया गया था। अब वित्त विभाग के विशेष ऑडिट में फिर से वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।
ऑडिट में हजारों अपात्र लाभार्थियों को शगुन योजना के तहत आर्थिक मदद मिलने का खुलासा हुआ है। अनुग्रह राशि योजना के तहत उन निर्माण श्रमिकों को आर्थिक मदद दी जाती थी जिनके नाम मृत्यु के बाद दर्ज किए गए थे।
अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल
विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में वित्तीय अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में दोषी अधिकारियों के खिलाफ संबंधित विभागों द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। जल्द ही सरकार के स्तर पर इस मामले में कार्रवाई को अंतिम रूप दिया जाएगा।
विभाग अपात्र लाभार्थियों से राशि वसूलने का प्रयास करेगा। यदि किसी लाभार्थी की मृत्यु हुई है तो राशि उसके कानूनी वारिसों से वसूल की जाएगी।