पंजाब
SC छात्रों की पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप न जारी करने के लिए पंजाब सरकार को नोटिस जारी
Shantanu Roy
11 Oct 2022 4:19 PM GMT
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जालंधर। वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 की एस.सी./एस.टी. की पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप राशि पंजाब सरकार द्वारा न कॉलेजों को जारी की गई और न ही बजट में इसके लिए कोई प्रावधान रखा गया। यह राशि न आने से बहुत से छात्र अपनी पढाई छोड़ घरों में बैठ चुके हैं, बहुत से कॉलेज बंद हो चुके हैं और बहुत से दिवालिया होकर बंद होने की राह पर हैं। इस मसले को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, केंद्र सरकार द्वारा 13 सितम्बर 2022 को एक बैठक की थी जिसमें प्रधान सचिव, सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग, प्रमुख सचिव, पंजाब सरकार को सुनवाई के लिए बुलाया गया था लेकिन पंजाब सरकार से न मुख्य सचिव, न ही कोई अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए। इसी के चलते इस बात की जानकारी कॉन्फैडरेशन ऑफ एनएडिड स्कूल्ज एंड कॉलेज ऑफ पंजाब द्वारा केंद्र के नोटिस के साथ दी गई। कॉन्फैडरेशन के चेयरमैन अश्वनी सेखड़ी ने कहा कि राशि न आने के कारण कॉलेजों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव, पंजाब सरकार का इस मुद्दे को नजरअंदाज किया है जिस पर नैशनल एस.सी. कमीशन ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।उन्होंने बताया कि इस नोटिस में साफ़ तौर पर लिखा है कि पंजाब सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में इस मद में बजट नहीं दिया गया।अब जिन कॉलेजों पर वित्तीय भर बन रहा है उनका असर अनुसूचित जाति के छात्रों पर पड़ेगा। सेखड़ी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कहा गया था कि इन 3 वर्षों की स्कालरशिप का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार से लिया जाएगा लेकिन नोटिस में लिखा गया है कि पंजाब सरकार यह भी स्पष्ट करे कि केंद्र सरकार से 60 प्रतिशत हिस्सा लेने का निर्णय राज्य सरकार में किस स्तर पर लिया गया। कॉन्फैडरेशन के अध्यक्ष अनिल चोपड़ा ने कहा कि इस राशि के लिए कॉलेजों का कई बार ऑडिट हो चुका है लेकिन स्कालरशिप का कोई आता पता नहीं है।पॉलिटेक्निक कॉलेजों के अध्यक्ष विपिन शर्मा, नर्सिंग कॉलेजों के अध्यक्ष संजीव चोपड़ा, मैनेजमैंट इंस्टीच्यूट्स के अध्यक्ष डॉ. अनूप बोरी ने कहा कि स्कालरशिप राशि न आने से केवल कॉलेज ही नहीं छात्र भी परेशान हैं। पिछले सालों से एस.सी. छात्रों की एडमिशन में भरी गिरावट आई है। पहले 3.50 लाख के करीब छात्र थे अब केवल 1 लाख के करीब ही एडमिशन ले रहे हैं।
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