पंजाब

पीयू को केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाने का कोई इरादा नहीं : केंद्र सरकार

Renuka Sahu
10 July 2022 2:01 AM GMT
No intention to make PU a central university: Central Government
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फाइल फोटो 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जयपुर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक की अध्यक्षता की।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जयपुर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली, राजस्थान और लद्दाख के नेताओं व अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में चंडीगढ़ की तरफ से प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित, सलाहकार धर्मपाल व डीजीपी ने हिस्सा लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक में पीयू का मुद्दा उठा। जिसपर केंद्र ने कहा कि पीयू के केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाने का कोई इरादा नहीं है।

प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने कहा कि बैठक में पंजाब यूनिवर्सिटी के ग्रांट का मुद्दा उठा। बैठक में कहा गया कि पीयू की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए हरियाणा की तरफ से भी बजट दिया जा सकता है। इस पर दोनों राज्यों व चंडीगढ़ को एक साथ बैठकर फैसला लेने को कहा गया। पंजाब ने बजट को 6 फीसदी बढ़ाकर समय से पैसों को जारी करने की बात कही है।
इसके अलावा पीयू के केंद्रीकरण का मुद्दा भी उठा। सलाहकार धर्मपाल ने कहा कि इस पर केंद्र सरकार की तरफ से कहा कि केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाने के अपने फायदे और नुकसान है। अभी पीयू स्टेट यूनिवर्सिटी है। पंजाब व हरियाणा में पहले से ही केंद्रीय यूनिवर्सिटी अलग-अलग बनी हुई है। इसलिए पीयू को केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाने का कोई इरादा नहीं है। बैठक में कुल मिलाकर 47 मुद्दों पर चर्चा की गई। उनमें से 35 मामलों का समाधान निकाल लिया गया। 4 मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण विषयों के रूप में चिन्हित किया गया है। बैठक में सदस्य राज्यों के बीच नदी जल बंटवारे की जटिल समस्या पर भी चर्चा हुई। अमित शाह ने संबंधित राज्यों से इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए समयबद्ध समाधान निकालने को भी कहा।
रिंग रोड बनाने के लिए एनएचएआई करेगी कॉर्डिनेट
बैठक में पिछले कई वर्षों से लटका रिंग रोड का मुद्दा भी उठा। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से एनएचएआई को कहा गया है कि वो जल्द इसे बनाए। पंजाब और हरियाणा को निर्देश दिया गया है कि उनके इलाके में जहां-जहां भी भूमि अधिग्रहण होना है, उसे जल्द किया जाए ताकि रिंग रोड का काम पूरा हो सके। एनएचएआई को पूरे मामले में कॉर्डिनेट करने को कहा गया है। हालांकि सलाहकार धर्मपाल ने कहा कि अगर एनएचएआई चाहेगी कि चंडीगढ़ इस मामले को चंडीगढ़ कॉर्डिनेट करे तो उसके लिए भी तैयार हैं।
बन गए हैं गांव, इसलिए इको सेंसिटिव जोन घोषित करने में कई कठिनाइयां
सलाहकार धर्मपाल ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन को लेकर पंजाब और हरियाणा ने बैठक में कहा है कि वो इस बारे में एक प्रस्ताव बना कर केंद्र को भेजेंगे। बैठक में पड़ोसी राज्यों को आ रही कठिनाइयों पर भी चर्चा की गई। राज्यों की तरफ से बताया कि उनकी तरफ पड़ने वाले इलाके में कई गांव हैं, इसलिए वो एक प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं। दरअसल, इको सेंसटिव जोन (ईएसजेड) का 90 फीसद एरिया पंजाब-हरियाणा में आता है। वर्ष 2017 में यूटी प्रशासन ने सुखना वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी के दो से 2.75 किलोमीटर रेडियस को इको सेंसटिव जोन घोषित किया था। चंडीगढ़ प्रशासन इसकी अधिसूचना जारी कर पालन करा रहा है, लेकिन पंजाब और हरियाणा में सेंक्चुरी के साथ लगते एरिया में बड़े निर्माण हो चुके हैं। उन्होंने अब तक ईएसजेड घोषित नहीं किया है।
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