पंजाब
PFI को लेकर NIA का सबसे बड़ा खुलासा, भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना था मकस्द
Shantanu Roy
26 Sep 2022 4:57 PM GMT

x
बड़ी खबर
जालंधर। पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पी.एफ.आई.) के खिलाफ देश भर में नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एन.आई.ए.) और प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) की छापेमारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों के हाथ अहम सुराग लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि खाड़ी देशों में रह रहे पी.एफ.आई. से सहानुभूति रखने वाले मुस्लिम करोड़ों रुपए की फंडिग कर रहे हैं। इसके अलावा एन.आई.ए. द्वारा गिरफ्तार किए गए 100 से ज्यादा संदिग्धों के तार अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन आई.एस.आई.एस. से जुड़े हुए हैं। आई.एस.आई.एस. और पी.एफ.आई. भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे थे, जिसे एन.आई.ए. ने समय रहते बेनकाब कर दिया है। एन.आई.ए. के हाथ इससे पहले भी ऐसे कई सबूत लगे थे, जिसमें पी.एफ.आई. का मकसद आई.एस.आई.एस. के साथ मिलकर भारत में वर्ष 2047 तक इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना था।
खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक पी.एफ.आई. खाड़ी देशों में 3 प्रमुख संगठन इंडिया फ्रेटरनिटी फोरम, (आई.एफ.एफ.) इंडियन सोशल फोरम ( आई.एस.एफ.) और रिहैब इंडियन फाउंडेशन (आर.आई.एफ.) चलाता है। मध्य पूर्व में पी.एफ.आई. के लिए धन जुटाने के लिए आई.एफ.एफ. सबसे शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरा है। संगठन के वित्तीय लिंक यू.ए.ई, सऊदी अरब, ओमान, तुर्की और कुवैत सहित अन्य देशों से जुड़े हैं। अकेले यू.ए.ई. और अरब देशों से पी.एफ.आई. को हर महीने 3 मिलियन दिरहम यानी करीब 6.7 करोड़ की फंडिंग की जाती है। एन.आई.ए. और ई.डी. की जांच में खाड़ी देशों को पी.एफ.आई. से संबंधित कई मैन पावर सप्लाई करने वाली कंपनियां के बारे में पता चला है। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से इन कंपनियों के जरिए गल्फ देशों में काम करने गए हजारों लोग पी.एफ.आई. को हर महीने फंडिंग करते हैं। कई बार फंडिंग हवाला के जरिए भी मिलती है।
तमिलनाडु में वायरलेस संचार उपकरण बरामद
छापेमारी के दौरान पी.एफ.आई. नेता बराकबदुल्लाह को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के वेलिनोक्कम में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने कथित तौर पर उसके कब्जे से जी.पी.एस. के साथ लोवरेंस एल.एच.आर. 80 फ्लोटिंग हैंडहेल्ड वी.एच.एफ. सहित वायरलेस संचार उपकरण बरामद किए है। वायरलेस सेट के रिसीवर में एक संकट कॉल बटन और रात के समय उपयोग के लिए स्मार्ट फंक्शन गाइड होती हैं। गिरफ्तार आरोपी संभवतः इसका इस्तेमाल समुद्री आतंकी गतिविधियों और पैसे के आदान-प्रदान के लिए कर रहे होंगे।
आर.एस.एस. के नेता भी पी.एफ.आई. के रडार पर
पी.एफ.आई. की जासूसी शाखा थहलील को कथित तौर पर आर.एस.एस. नेताओं के बारे में सभी जानकारी एकत्र करने के लिए एक विशेष काम दिया गया था। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें नेताओं के कार्यालयों, परिवारों, कारों और उनकी सुरक्षा करने वाले गार्डों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए कहा गया था। खुफिया अधिकारियों का कहना है कि पी.एफ.आई. सैयद अबुल मौदूदी और अल्लामा इकबाल जैसे कट्टरपंथी इस्लामी विद्वानों के साथ ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादियों से प्रेरित है।
आईएसआईएस में मुस्लिम युवाओं की भर्ती
पी.एफ.आई. का मकसद दुनिया के खतरनाक आतंकी संगठन आई.एस.आई.एस में मुस्लिम युवाओं को भर्ती कराना था, ताकि उसके आतंक की नर्सरी को और बड़ा किया जा सके। बाद में इन आतंकियों की फौज को भारत को अस्थिर करने और आतंकवाद फैलाने में किया जा सके। एन.आई.ए. के हाथ लगे दस्तावेजों के अनुसार पी.एफ.आई. पढ़े-लिखे और बेरोजगार मुस्लिम युवाओं को अपने जाल में फंसाता था, फिर उन्हें आई.एस.आई.एस. से जोड़ कर मोटी कमाई का भी लालच देता था।
मुस्लिम संगठनों की मिलीजुली प्रतिक्रिया
पी.एफ.आई. के पदाधिकारियों की देश भर में गिरफ्तारी पर कई मुस्लिम संगठनों ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है। अखिल भारतीय मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुस्लिम समुदाय से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पी.एफ.आई.) से दूर रहने का आह्वान किया है और केंद्र सरकार से इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम, कुल हिंद मरकजी इमाम काउंसिल और मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा है कि कानून की अनुपालना और आतंकवाद की रोकथाम के लिए अगर यह कार्रवाई की गई है तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए। संगठनों ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर हत्या, हिंसा करने और हथियार रखने के आरोप गंभीर है। हालांकि इन आरोपों को अदालत में साबित करना होगा।
क्या है पी.एफ.आई.
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पी.एफ.आई. का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत के 3 मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पी.एफ.आई. का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पी.एफ.आई. का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है और इसकी कई शाखाएं भी हैं।
Next Story