राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पंजाब के खेतों में पराली जलाए जाने को लेकर चिंता जताई है और इस मामले में रिपोर्ट भी मांगी है। एनएचआरसी ने गुरुवार को पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा बैठक की, इस बैठक में राज्य में पराली जलाने पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। विज्ञप्ति के मुताबिक एनएचआरसी ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर सख्त रवैया अपनाया है और पंजाब में पराली जलाए जाने के मामलों जल्द ही रिपोर्ट देने को कहा है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक एनएचआरसी ने उत्तर भारत में, विशेष रूप से पंजाब में पराली जलाने के मामलों पर कड़ी चिंता व्यक्त की है...क्योंकि इससे कई शहरों में वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है। पराली जलाने की वजह से कई शहरों में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' हो गई है और लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रही है।
आयोग ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाई जाए। इसने कहा कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो पंजाब पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इस मौके पर आयोग ने मुख्य सचिव से पंजाब में पराली प्रबंधन से जुड़े मामलों की समीक्षा की और इस संबंध में कुछ आंकड़े भी मांगे हैं।
पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में इस साल पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए राज्य की पूरी मशीनरी कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि पूरे पंजाब में किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित और जागरूक किया जा रहा है।
मुख्य सचिव भगवंत मान ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए हर हफ्ते पंजाब के सभी उपायुक्तों और उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है ताकि पराली जलाने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें।