एन.जी.टी. की सख्ती के बाद हरकत में नगर निगम प्रशासन, कमिश्नर ने किया यह दावा

लुधियाना। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) द्वारा नगर निगम को 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की कार्रवाई भले ही आग लगने से 7 लोगों की मौत होने के मामले में की गई है लेकिन इसकी बड़ी वजह ताजपुर रोड स्थित डम्प पर सालों से जमा पुराने कूड़े की प्रोसेसिंग न होने को माना जा रहा है, क्योंकि 2011 में ए टू जैड कंपनी को काम देने के बावजूद पुराने कूड़े की प्रोसेसिंग करने की कोशिश नहीं की गई और अब ए टू जैड कंपनी द्वारा काम छोड़ने के बाद नए कूड़े की प्रोसेसिंग भी बंद होने की वजह से कूड़े की मात्रा में इजाफा हो रहा है जिसकी मात्रा 22 लाख मीट्रिक टन बताई जा रही है। इसमें से 5 लाख मीट्रिक टन कूड़े की प्रोसेसिंग के लिए स्मार्ट सिटी मिशन के फंड में से वर्क ऑर्डर जारी किया गया है। अब एन.जी.टी. की सख्ती के बाद नगर निगम प्रशासन हरकत में नजर आ रहा है और कमिश्नर शेना अग्रवाल ने पुराने कूड़े की प्रोसेसिंग का काम एक महीने में शुरू होने का दावा किया है।