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लुधियाना | विगत दिनों टिब्बा रोड़ पर एक प्रोग्राम के दौरान फायरिंग की वीडियो वायरल होने के उपरांत सी.आई.ए-1 की तरफ से गिरफ्तार किए गए एस.पी. यादव के मामले में नए नए खुलासे हो रहे है।
"पंजाब केसरी" टीम की तरफ से जब अपने स्तर पर इंवैस्टीगेशन की गई तो पता चला कि साल 2017 में डिवीजन नं.7 में एफ .आई.आर. होने के बाद उसका जो आर्म्स लाइसेंस बना है,वह भी उसके खासमखास ए.सी.पी. की मेहरबानी है। ए.सी.पी. की तरफ से खुद फाइल तैयार करवाई गई थी,जिसके बाद जब वह उस समय के पुलिस कप्तान के पास लाइसैंस की अप्रूवल लेने गया था तो एसीपी ने कहा था कि पुलिस का इनफार्मर है,लेकिन कप्तान ने फिर भी लाइसैंस बनाने से इंकार कर दिया था।
जिसके बाद ए.सी.पी. ने उस समय के एक कांग्रेसी विधायक से संपर्क किया,जो खुद सीपी के पास गया और धक्के से लाइसैंस बनवाकर लाया था। वीडियो वायरल होने के बाद अब पुलिस लाइसैंस रद्द करने की प्रकिया में जुट गई है। वहीं फेसबुक आई.डी. पर बड़े बड़े पुलिस आफिॅसरों के साथ अपलोड़ की गई फोटोएं इसकी नजदीकियां बयां करती है।
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