पंजाब

निजी स्कूल में बचा मंकीपॉक्स का खतरा, बच्चे में दिखे संदिग्ध लक्षण

Shantanu Roy
27 July 2022 2:21 PM GMT
निजी स्कूल में बचा मंकीपॉक्स का खतरा, बच्चे में दिखे संदिग्ध लक्षण
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चंडीगढ़। चंडीगढ़ में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ गया है। यहां सेंट कबीर पब्लिक स्कूल सेक्टर 26 के छात्र में मंकीपॉक्स के संदिग्ध लक्षण मिले हैं। हालांकि इसे बच्चों में होने वाली हाथ, पांव और मुंह की बीमारी बताई गई है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल प्रशासन ने नर्सरी से सेकंड क्लास की कक्षाएं 28 जुलाई को बंद करने का फैसला लिया है। इसके साथ स्कूल ने एक एडवाइजरी जारी की है। स्कूल के एडमिनिस्ट्रेटर गुरप्रीत सिंह बख्शी ने कहा है कि बच्चे में हाथ, पांव और मुंह की बीमारी पाई गई है। वहीं उसके टेस्ट करवाए जा रहे हैं। जल्द उसकी रिपोर्ट आ जाएगी।


ऐसे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। स्कूल प्रिंसिपल शिल्पी सूद गिल ने कहा है कि उनके यहां किंडरगार्टन सेक्शन में एक बच्चे के हाथ, पांव और मुंह की एक बीमारी पाई गई है। यह बच्चा स्कूल बस में दोपहर साढ़े 12 बजे ट्रिप पर भी था। स्कूल ने बच्चों के परिजनों को कहा है कि वह सचेत रहें। यदि उनके बच्चे में बुखार, गले में खराश, हाथों, पैरों या मुंह पर खुजली और चतके पड़ते हैं तो स्कूल को तुरंत जानकारी दें। वहीं बच्चे की मेडिकल जांच की रिपोर्ट भी स्कूल के साथ शेयर करें। स्कूल से वर्चुअल मोड में शिक्षा देने संबंधी जानकारी जल्द ही बताने की बात भी एडवाइजरी में कही है।

सेंट जॉन्स ने ऑफलाइन स्टडी की शुरू
वहीं सेंट जॉन्स स्कूल ने भी कहा है कि पहले उन्होंने ऑफलाइन स्टडी पर विचार किया था। हालांकि जिस तरह से कोरोना मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए स्कूल ऑनलाइन स्टडी मोड पर जा रहा है। स्कूल में वह बच्चे सुबह के समय आ सकते हैं जो स्पोर्ट्स गतिविधियों से जुड़े हैं। हालांकि घर जाकर वह बाकी बच्चों के साथ ऑनलाइन स्टडी लेंगे। ऐसे बच्चे सुबह साढ़े 6 से 8 बजे तक स्कूल में स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए आ सकते हैं और इसके बाद 9 बजे ऑनलाइन स्टडी लेंगे।
चंडीगढ़ पेरेंट्स' एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नितिन गोयल ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते केसों और मंकीपॉक्स के खतरे के बीच कई स्कूल ऑनलाइन मोड पर चले गए हैं। दूसरी ओर कुछ स्कूल इंतजार कर रहे हैं। हेल्थ और एजुकेशन डिपार्टमेंट की तरफ से कोई निश्चित दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में शहर के स्कूल ऑनलाइन और ऑफलाइन के बीच दुविधा में हैं। बच्चों के परिजनों के लिए भी यह दुविधा बनी हुई है।
मंकीपॉक्स को लेकर पीजीआई सकर्त
देश में मंकीपॉक्स के दस्तक देने और केंद्र की ओर से एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद पीजीआई में भी तैयारियां शुरु हो गई हैं। बता दें कि केंद्र द्वारा देश भर की स्वास्थ्य संस्थाओं को मंकीपॉक्स से निपटने के लिए प्रबंध करने को कहा गया है। ऐसे में पीजीआई में नेहरु अस्पताल के कम्युनिकेबल वार्ड में कुछ बैड और नेहरु अस्पताल एक्सटेंशन में आईसीयू बैड भी लगाए गए हैं। मंकीपॉक्स के त्वचा संबंधी रोग होने के चलते पीजीआई प्रशासन ने डिपार्टमेंट ऑफ डर्मोटोलॉजी को मंकीपॉक्स के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों की जांच और प्रबंधन को कहा गया है। किसी भी मरीज में अगर मंकीपॉक्स के लक्षण पाए जाते हैं तो उसकी जांच और टेस्टिंग की जाए। वहीं पीजीआई के वॉयरोलॉजी विभाग को सैंपल की प्रोसेसिंग और रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा दिया गया है।
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