ब्रेकिंग न्यूज़: मोहाली। फेज-पांच समेत इलाके के तीन प्रमुख सेक्टरों में अब पानी की किल्लत खत्म हो जाएगी। इतना ही नहीं लोगों को गर्मियों के दिनों में भी फुल प्रेशर से पानी की सप्लाई मिलेगी। फेज-पांच में बनाए जा रहे वाटर रिजर्वायर और बूस्टर प्लांट स्थापित होने से यह संभव होने जा रहा है। रिजर्वायर की क्षमता नौ लाख पानी स्टोर करने की है। अगले महीने इसका शुभारंभ कर दिया जाएगा। नगर निगम के डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद प्रोजेक्ट का जायजा लेते कहा कि पानी की सप्लाई स्काडा सिस्टम के तहत की जाएगी और हर बूंद का हिसाब रखा जाएगा। अगर कहीं पानी की लीकेज व अन्य दिक्कत आती है तो इस चीज भी निगम को पता चल जाएगा और वह समय पर मरम्मत करवा पाएगा। इलाके में काफी समय से पानी की काफी दिक्कत थी। इस वजह से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। गर्मियों में हालात और भी खराब हो जाते थे। दूसरी तरफ चंडीगढ़ की तरफ से कजौली वाटर वर्क्स की सफाई या मरम्मत के नाम पर भी कई बार पानी बंद कर दिया जाता था जिससे लोगों को पानी न मिलने से परेशान होना पड़ता था। इसके बाद नगर निगम ने वाटर रिजर्वायर लगाने की योजना पर काम शुरू किया था।
यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के सहयोग से तैयार किया गया है। ऐसे रिजर्वायर फेज-पांच समेत पांच जगह पर यह लगाने है। इसके बाद कजौली से आने वाले पानी को स्टोर करने से लेकर सप्लाई का काम किया जाएगा रिजर्वायर से फेज-पांच के अलावा फेज-3बी1, फेज-पांच ओर चार को पानी की सप्लाई होनी है। इसमें पचास हार्स पावर की चार मोटरें लगी हैं। टैकर अंडरग्राउंड है। इतना ही नहीं पानी में क्लोरीन मिलाने की प्रक्रिया भी कंप्यूटराइज्ड तरीके से होगी। करोड़ों रुपये की लागत से बदली जा रही है मशीनरी शहर के चार अंडरग्रांउड वाटर रिजर्वायर को भी अब नया रूप दिया जा रहा है। निगम की ओर से करीब 16 करोड़ रुपये से काम शुरू कर दिया गया है। इन सभी वाटर रिजर्वायर की मशीनरी तीन दशक पुरानी हैं। इनमें नई मशीनरी लगाई जा रही है जिनमें सेक्टर-57, सेक्टर-68, फेज-6 और फेज-10 में है। इसके साथ ही पांच नए बूस्टर पंप भी शहर में लगाए जा रहे हैं जो पानी की सप्लाई को तेज करने में अहम भूमिका निभाएंगे। कजौली से मिला है बीस एमजीडी पानी शहर को कजौली वाटर वर्क्स से बीस एमजीडी पानी मिला है। इसके शहर को कई फायदे हुए हैैं। एक तो अब पूरे शहर में नहरी पानी की सप्लाई शुरू हो गई है। अधिकतर फेजों में लगे ट्यूबवेल अब स्टैंडबाई मोड पर काम कर रहे हैं। वहीं, इससे विभाग के बिजली बिल में भी बचत होगी। सबसे ज्यादा फायदा यह है कि सभी सेक्टरों में पानी की दिक्कत दूर हो गई है। अब नए सेक्टरों में भी यहीं से पानी की सप्लाई की योजना बनाई गई है।