पंजाब

'ऑपरेशन लोटस' को लेकर विधायक शीतल अंगुरल ने खोले नए पत्ते, बताया संपर्क किसने किया

Shantanu Roy
3 Oct 2022 2:41 PM GMT
ऑपरेशन लोटस को लेकर विधायक शीतल अंगुरल ने खोले नए पत्ते, बताया संपर्क किसने किया
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पंजाब। ऑपरेशन लॉटस से जुड़े मामले में जालंधर के आप विधायक शीतल अंगुरल और रमन अरोड़ा ने मोहाली विजिलेंस ऑफिस पहुंचकर अपने बयान दर्ज कराए है। मोहाली विजिलेंस कार्यालय से बाहर निकलने के बाद, दोनों विधायकों ने दावा किया कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के 2 वकीलों ने उनसे संपर्क किया था और उन्हें भाजपा में शामिल होने के बदले में 25 करोड़ रुपए की पेशकश की थी। वहीं शीतल अंगुरल ने आज विधानसभा सत्र के दौरान ऑपरेशन लोटस का मुद्दा उठाया है। यहां बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, वित्त मंत्री हरपाल चीमा और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि बीजेपी पंजाब में उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। इन नेताओं ने दावा किया था कि 'आप' विधायकों ने खुद बताया था कि उन्हें पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के एवज में 25-25 करोड़ रुपए की पेशकश की जा रही थी। विधायकों के इन आरोपों के बाद पंजाब सरकार ने इस मामले की जांच पंजाब विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दी थी। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भी इस मामले में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इसी मामले में सोमवार को 'आप' के दोनों विधायक अपना बयान दर्ज कराने मोहाली पहुंचे। इस बीच शीतल अंगुरल ने कहा कि उन्हें पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के 2 वकीलों का फोन आया था। दोनों वकीलों ने कहा कि वे बीजेपी के संपर्क में हैं और बड़े बाबूजी अमित शाह बात करना चाहते हैं। शीतल अंगुरल और रमन अरोड़ा ने उनसे संपर्क करने वाले वकीलों के नामों का खुलासा नहीं किया। जिन नंबरों से उन्हें फोन आए थे, उन्होंने विजिलेंस अधिकारियों को दे दिए। आम आदमी पार्टी के दोनों विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा हिमाचल से बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर को भी नामित किया है। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के 10 विधायकों ने भी ऑपरेशन लोटस के सिलसिले में मोहाली के राज्य अपराध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, लेकिन इस प्राथमिकी में किसी आरोपी का नाम नहीं था और न ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। ऑपरेशन लोटस के तहत पंजाब सरकार ने पहले 'आप' के 25 विधायकों को बीजेपी में शामिल होने के लिए 25 करोड़ रुपए की पेशकश की थी, लेकिन जब इस मामले में एफ.आई.आर. दर्ज की गई तो 10 विधायकों ने ही शिकायत की थी। इसके बाद एफ.आई.आर. भी सार्वजनिक नहीं की गई। अभी तक एक भी ऐसा सबूत सामने नहीं आया है, जिससे 'आप' दावा कर सके कि आरोप साबित हो गए हैं।
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