पंजाब
पंजाब में माइनिंग बंद होने से बेरोजगार हो गए मिस्त्री, मजदूर और कई कारोबारी
Shantanu Roy
9 Sep 2022 2:18 PM GMT
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बड़ी खबर
तलवाड़ा। पंजाब सरकार की तरफ से माइनिंग पर रोक लगने के कारण न सिर्फ आम लोग बल्कि सीमेंट-सरिया का कारोबार करने वाले और राज मिस्त्री व मजदूरी करने वाले लोग बोरोजगार होने के चलते परेशान हैं। बन्द माइनिंग के चलते इक्का-दुक्का स्थानों पर ही कंस्ट्रक्शन के कार्य चल रहे हैं। यही नहीं जिन लोगों ने अपने पक्के मकान बनाने के कार्य पिछले 2-3 महीनों में शुरू किए थे उनके भी रेत-बजरी की किल्लत के चलते काम रूके पड़े हैं। भगवंत मान सरकार को कोसते हुए बरबस ही लोगों के मुंह से यह बात आम सुनने को मिलती है कि यह अच्छी आम आदमी पार्टी की सरकार आई है जिसने माइनिंग बन्द करके मिस्त्री मजदूर, रेत, सीमेंट, सरिया कारोबारी सबको परेशानियों से लड़ने के लिए मजबूर कर दिया है।
हिमाचल के क्रेशरों पर लगाया जाता है मनमर्जी का रेट
बंद स्टोन क्रेशरों के कारण रेत-बजरी के आसमान छू रहे रेटों के चलते हर कोई परेशान है। रेट बेतहाशा बढ़ने का कारण माइनिंग का बंद होना है। अब यहां यह बताना जरूरी है कि अगर इलाके में माइनिंग बंद है वो रेत-बजरी के रेट बढ़ कहां से रहे हैं ? पंजाब की सीमाओं के साथ हिमाचल प्रदेश में कुछ स्टोन क्रेशर संचालित हैं। अगर कोई अपनी जरूरत पूरी करने के लिए क्रेशरों पर रेत-बजरी ट्रैक्टर ट्राली से लेने जाता है तो वहां मनमर्जी के रेट लगाए जाते हैं। कुछ कारोबारियों ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि मनमर्जी के रेट लगाने के कारण ही उन्हें वहां से लिए माल का बिल नहीं दिया जाता। उक्त क्रेशरों की तरफ से हर रोज नए रेट से रेत-बजरी दी जाती है।
कुल मिलाकर जो रेत की ट्राली तलवाड़ा-दातारपुर के क्षेत्रों में 2600 के आसपास मिल जाती थी वह अब 5 हजार रुपए के आसपास तक मिलती है। कामाही देवी जैसे दुर्लभ पहाड़ी क्षेत्रों में तो यह रेट और भी ज्यादा अधिक हैं। हिमाचल के क्रेशरों से खरीदें माल का बिल नहीं मिलने के करण पंजाब अंदर माइनिंग विभाग द्वारा पकड़े जाने का डर हमेशा बना रहता है। कई बार तो हिमाचल के क्रेशरों पर भेजी ट्रैक्टर-ट्राली का माल खरीदने का नंबर भी दो तीन दिन तक नहीं आता। ऐसे में ड्राईवर का खर्चा भी बढ़ता है। कई कारोबारियों ने तो ऐसे बुरे हालातों से हाय तौबा करते हुए अपने कारोबार ही बंद करके रखे हुए हैं।
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