पंजाब
पशुओं में फैली लंपी स्किन बीमारी के चलते राज्य के कई हिस्सों में दूध की सप्लाई प्रभावित
Ritisha Jaiswal
11 Aug 2022 2:28 PM GMT
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पंजाब में पशुओं में फैली लंपी स्किन बीमारी के चलते राज्य के कई हिस्सों में दूध की सप्लाई प्रभावित होने लगी है.
पंजाब में पशुओं में फैली लंपी स्किन बीमारी के चलते राज्य के कई हिस्सों में दूध की सप्लाई प्रभावित होने लगी है. सूबे के जिले फाजिल्का में दूध की सप्लाई में 20 से 30 फीसदी की कमी आई है. यही नहीं दूध की कमी की वजह से इसकी कीमतों में 8 से 12 रुपये की बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है. इसी बीच पंजाब सरकार ने लंपी स्किन को लेकर राज्य में हाई अलर्ट जारी किया है और पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर बाहर से आने वाले पशुओं की आवाजाही बंद कर दी है.
फाजिल्का के पशुपालक दूला खान ने दूध की कमी की पुष्टि करते हुए बताया कि 16 घरों के पशुओं से प्रतिदिन लगभग 4000 लीटर दूध प्राप्त होता था, लेकिन बीमारी के कारण पशुओं की मौत व संक्रमण के कारण दूध घटकर प्रतिदिन 2500 लीटर रह गया है. उधर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पशुओं में फैली लंपी बीमारी की रोज़ाना प्रभावी ढंग से निगरानी रखने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया है. इसमें वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और पशु पालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर शामिल हैं.
सीएम मान ने कहा कि मंत्रियों का समूह रोज़ाना स्थिति का जायज़ा लेकर इस बीमारी की रोकथाम के लिए अपेक्षित कार्रवाई करेगा. भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार पशु पालकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने पशुओं को इस बीमारी से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि पशुओं का टीकाकरण बिल्कुल मुफ़्त किया जाएगा और इसके लिए फंड की कोई कमी नहीं है.
मान ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सिफारिश की गई बेहतर दवा इस्तेमाल की जाएगी और यदि जरूरत पड़ी तो और दवा मंगवाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल राज्य सरकार इस बीमारी से निपटने पर ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि पशुधन राज्य की अर्थव्यवस्था का अटूट अंग है और पंजाब सरकार इस बीमारी को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी.
पंजाब के बॉर्डर सील
मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि अन्य राज्यों से पंजाब में पशुओं की एंट्री रोकने के लिए राज्य की सरहदों को सील कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा और तरन तारन जिला इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, इससे पता चलता है कि यह बीमारी अन्य राज्यों से फैली है.
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