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पंजाब से हिमाचल पहुंचा ढेलेदार वायरस, शिमला-सोलन में जानवरों की मौत

Bhumika Sahu
7 Aug 2022 9:35 AM GMT
पंजाब से हिमाचल पहुंचा ढेलेदार वायरस, शिमला-सोलन में जानवरों की मौत
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शिमला-सोलन में जानवरों की मौत

शिमला: पशुओं में होने वाला लंपी वायरस (लंपी स्किन डीजीज) पंजाब से हिमाचल प्रदेश पहुंच गया है। जी दरअसल इस बीमारी के कारण अब तक शिमला व सोलन जिला में कई पशुओं की मौत हुई है। आपको बता दें कि इसमें अब तक शिमला और सोलन जिला में 11 पशुओं की मौत हो चुकी है। इसी के साथ 207 पशु संक्रमित हैं। आपको बता दें कि शिमला में इसका एपिक सैंटर चैली गांव पाया गया है, जहां पर पंजाब से 1 गाय को लाया था। वहीं पंजाब से लाई गई इस गाय की इस बीमारी से मौत हो गई तथा उसके बाद यह वायरस दूसरे पशु में चल गया। चैली के बाद यह मामला शिमला के उपनगर शोघी से सटी थड़ी पंचायत में सामने आया है। यहां पर पवाड़ गांव में 1 गाय की मौत हुई है। वहीं इसके बाद प्रभावित क्षेत्र एवं पंचायत में पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। कहा जा रहा है यह वायरस मुख्य रूप से अधिक दूध देने वाले, छोटे व बूढ़े पशुओं को अपनी चपेट में ले रहा है और जिन पशुओं की इम्युनिटी कमजोर है, वह इसकी चपेट में आ रहे हैं।

इसी के साथ शिमला के उपनगर शोघी से लगती थड़ी पंचायत में जहां इस वायरस के लक्षण देखे गए हैं, वहां पर कुछ साल पहले मुंह-खुर की बीमारी से करीब 50 पशुओं की मौत हो चुकी है। वहीं उस समय भी पंचायत स्तर पर पशुओं का टीकाकरण किया गया था तथा महीनों बाद इस पर काबू पाया जा सका था।
क्या है लंपी वायरस- आपको बता दें कि लंपी स्किन डीजीज यानि लंपी वायरस के कारण पशुओं के शरीर में गांठें बन जाती हैं। इससे पशुओं को बुखार आता है और उनका वजन कम हो जाता है। इसी के साथ पशुओं को सही समय पर उपचार न मिलने से उनकी मौत हो जाती है। आपको बता दें कि यह वायरस मच्छरों, मक्खियों, जूं व पीसू से दूसरे पशु में जाता है और इस वायरस के होने पर पशुओं को आइसोलेट करने यानि दूसरे पशुओं से अलग करने की सलाह दी जाती है। हालाँकि यह बीमारी पशुओं से लोगों को नहीं आती और न ही संक्रमित पशुओं का दूध पीने से किसी तरह की हानि होती है।


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