पंजाब

जालंधर पुलिस ने एक चौकी इंचार्ज की घटिया करतूत, विभाग ने किया लाइन हाजिर

Shantanu Roy
1 Oct 2022 2:10 PM GMT
जालंधर पुलिस ने एक चौकी इंचार्ज की घटिया करतूत, विभाग ने किया लाइन हाजिर
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बड़ी खबर
जालंधर। जालंधर कमिश्नरेट पुलिस के एक चौकी इंचार्ज ने पुलिस की वर्दी पर दाग लगा दिया। चौकी इंचार्ज ने स्कूल से चोरी हुए लाखों रुपए डकार कर अपने थाने के प्रभारी और अन्य अधिकारियों को बिना बताए ही चोर से कुछ नकदी और एल.सी.डी. की रिकवरी दिखा कर उसे जेल भेज दिया। इस बात का खुलासा तब हुआ जब सी.आई.ए. स्टाफ 1 की टीम चोर को किसी अन्य केस में प्रोडेक्शन वारंट पर लेकर आई। फिलहाल चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया है जबकि डी.सी.पी. इंवैस्टिगेशन के नेतृत्व में ए.डी.सी.पी.-1 बलविंदर सिंह और ए.सी.पी. परमजीत सिंह मामले की जांच कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार रामामंडी इलाके में स्थित एक स्कूल के अंदर कुछ दिन पहले करीब 36 लाख रुपए कैश की चोरी हुई थी। स्कूल मैनेजमैंट ने पुलिस को शिकायत दी तो दो लोगों पर शक भी जताया जो स्कूल के लिए काम करते थे। पुलिस ने एक को हिरासत में लिया जबकि दूसरे को यू.पी. जाकर काबू कर लिया। वहीं जिस थाने के अधीन चौकी आती है, उसके प्रभारी की वी.आई.पी. ड्यूटी थी जिस कारण उसे इस बारे कुछ पता नहीं था। चौकी इंचार्ज ने चोर से पूछताछ दौरान चोरी हुए करीब 36 लाख रुपए में से 8 लाख 5 हजार कैश और चोरी के पैसों से खरीदी ए.ली.डी. बरामदगी में दिखा कर आरोपी को उसी दिन (11 सितंबर) बिना रिमांड लिए जेल भेज दिया।
जैसे ही थाना प्रभारी आए तो पता लगा कि दस्तावेजी सारी कार्रवाई चौकी इंचार्ज ने की हुई थी। इसी दौरान तबादलों का जोर चला तो थाना प्रभारी लाइन में भेज दिए गए। इसी बीच दो दिन पहले सी.आई.ए. स्टाफ 1 की टीम एक चोर को किसी चोरी के मामले में पूछताछ के लिए प्रोडेक्शन वारंट पर ले आई। चोर ने कबूला कि उसने रामामंडी स्थित एक स्कूल में भी चोरी की थी लेकिन उसकी सारी रिकवरी करवा दी थी। क्रॉस चैक किया गया तो चोरी 36 लाख के करीब हुई थी जबकि बरामदगी मात्र 8 लाख 5 हजार रुपए और एक एल.सी.डी. की थी। सी.आई.ए. स्टाफ में चोर से दोबारा पूछा गया तो उसने सारी जानकारी दे दी। इसकी सूचना अधिकारियों को मिली तो उन्होंने अपने लैवल पर जांच शुरू कर दी। उस केस के सारे दस्तावेज मंगवा लिए गए जहां पर मात्र चौकी इंचार्ज द्वारा ही लिखित की हुई थी। थाना प्रभारी से लेकर किसी अन्य अधिकारी को इस केस के बारे कुछ जानकारी ही नहीं थी। डी.सी.पी. इंवैस्टिगेशन जसकिरणजीत सिंह तेजा ने ए.डी.सी.पी.-1 बलविंदर सिंह और ए.सी.पी. परमजीत सिंह को जांच के लिए कहा। डी.सी.पी. ने कहा कि अब तक की हुई जांच में एस.एच.ओ. का कोई रोल सामने नहीं आया है लेकिन जांच खत्म नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जांच के बाद अगर किसी का भी कसूर हुआ तो उसके खिलाफ केस दर्ज करके विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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