पंजाब

युवाओं को अपने साथ मिला रहे आईएसआई और आतंकी संगठन

Admin4
7 Aug 2022 11:05 AM GMT
युवाओं को अपने साथ मिला रहे आईएसआई और आतंकी संगठन
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

आतंकी संगठनों के पंजे में फंसे ये लोग अपनी रोजाना जिंदगी में दिहाड़ी का काम करते हैं कि किसी तरह जिंदगी को आगे बढ़ाया जा सके। आईएसआई और आतंकी संगठन इन्हें आसानी से पैसे का लालच देकर फंसा रहे हैं। चूंकि यह कम पढ़े लिखे हैं, तो इनसे आसानी से कुछ भी करवाया जा सकता है।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों की नजर अब पंजाब के सीमांत गांवों के ऐसे कम पढ़े लिखे युवाओं पर है, जो तकनीकी जानकारी रखते हों। देश विरोधी तत्व और आईएसआई व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिये इनकी तलाश करती है और मामूली पैसे का लालच देकर इन्हें भारत विरोधी इरादों को कामयाब करने की योजना बताती है।

बैटरी, रेडियो या मोबाइल फोन मैकेनिक को यह अपने साथ जोड़ रहे हैं। कुरुक्षेत्र पुलिस द्वारा तरनतारन के चोहला साहिब गांव के इनवर्टर बैटरी का काम करने वाले शमशेर सिंह की गिरफ्तारी के बाद इसी तरह के अन्य लोगों को हिरासत में लिए जाने से यह बात सामने आई है।

कुरुक्षेत्र पुलिस ने शमशेर सिंह को गिरफ्तार करने के बाद चोहला साहिब गांव से ही उसके (शमशेर) के साथ इनवर्टर बैटरी का काम करने वाले गुरविंदर सिंह और पलंबर का काम करने वाले गुरिंदर सिंह और नवजोत सिंह को हिरासत में लिया है। शमशेर सिंह तो 12वीं पास है मगर उक्त अन्य तीनों दसवीं पास भी नहीं हैं। ये लोग अपनी रोजाना जिंदगी में दिहाड़ी का काम करते हैं कि किसी तरह जिंदगी को आगे बढ़ाया जा सके। आईएसआई और आतंकी संगठन इन्हें आसानी से पैसे का लालच देकर फंसा रहे हैं। चूंकि यह कम पढ़े लिखे हैं, तो इनसे आसानी से कुछ भी करवाया जा सकता है।

आईएसआई एजेंसी और आतंकी संगठन 18 से 26-27 साल तक के युवाओं को अपने जाल में फंसाते हैं, क्योंकि ये आसानी से पैसा कमाने के चक्कर में कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। यह भी देखा जाता है कि ऐसे युवाओं का कोई पिछला आपराधिक रिकार्ड न हो, जिससे ये आसानी से पुलिस और एजेंसियों की नजर से बच सकें। शमशेर सिंह की गिरफ्तारी के बाद देश की खुफिया की नजर व्हाट्सएप ग्रुपों पर है। ऐसे ग्रुपों में देश विरोधी मैसेज डालने वाले और ग्रुप में आगे उसका जवाब देने या कमेंट करने वालों पर लगातार नजर रखी जा रही है। लोकल पुलिस भी ऐसे व्हाट्सएप ग्रुपों पर नजर बनाए हुए है और थानों के प्रभारी अपने इलाकों में बिजली और किसी अन्य तरह के तकनीकी काम करने वालों की वेरिफिकेशन करने में जुटे हुए हैं।


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