पंजाब

किस हाल में वो दिग्गज नेता जो पालाबदल कर आए बीजेपी में

Manish Sahu
22 Aug 2023 11:43 AM GMT
किस हाल में वो दिग्गज नेता जो पालाबदल कर आए बीजेपी में
x
पंजाब: अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव रोमांचक होने की संभावना है.इसमें बीजेपी नीत NDA गठबंधन को विपक्ष के I.N.D.I.A गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल सकती है.कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष इस बार मजबूत रणनीति और साझा उम्‍मीदवार उतारकर एनडीए गठबंधन को घेरने की योजना बना रहा है. I.N.D.I.A गठबंधन में कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, सीपीआई, सीपीआई-एम, आरजेडी, जेएमएम, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), समाजवादी पार्टी और जेडीयू सहित 26 पार्टियां शामिल हैं.इस गठबंधन को उम्‍मीद है कि चुनाव नजदीक आने के साथ कुछ अन्‍य पार्टियां भी उसके साथ होंगीं.
उधर,विपक्ष की इस लामबंदी से चौकस एनडीए ने भी अपने गठबंधन का विस्‍तार शुरू कर दिया है.चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास),ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और जीतनराम मांझी के हिंदुस्तानी वाम मोर्चा (सेक्युलर) ने हाल ही में एनडीए का दामन थामा है.आम चुनाव 2019 के बाद से कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों के कई प्रमुख नेताओं को भी बीजेपी अपने साथ जोड़ने में सफल रही है, जिससे उसकी ताकत बढ़ी है.
बीजेपी का दामन थामने वाले प्रमुख राजनेता
ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया : ग्‍वालियर के सिंधिया परिवार के ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी से रिश्‍ता जोड़ा है. उन्‍हें एक समय राहुल गांधी का खास सिपहसालार माना जाता था.मनमोहन सिंह ने नेतृत्‍व वाली यूपीए सरकार में वे केंद्रीय मंत्री की जिम्‍मदारी संभाल चुके हैं. ज्‍योतिरादित्‍य के बीजेपी ज्‍वॉइन करने से पहले सिंधिया परिवार की निष्‍ठा बीजेपी और कांग्रेस में बंटी हुई थी.जहां उनकी दादी विजयराजे सिंधिया और बुआ वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे बीजेपी से जुड़ी हुई थीं वहीं पिता स्‍वर्गीय माधवराव और स्‍वयं ज्‍योतिरादित्‍य कांग्रेस के साथ.ज्‍योतिरादित्‍य के अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में जुड़ने से जहां मध्‍य प्रदेश में कमलनाथ की कांग्रेस सरकार के स्‍थान पर शिवराज सिंह के नेतृत्‍व वाली सरकार की वापसी का मार्ग प्रशस्‍त हुआ, वहीं राज्‍य में पार्टी को भी मजबूती मिली है.ज्‍योतिरादित्‍य को अपनी निष्‍ठा बदलने का पुरस्‍कार,केंद्र में मंत्री पद के साथ मिला है.वे मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री हैं.
कैप्‍टन अमरिंदर सिंह : पंजाब के कद्दावर नेता अमरिंदर सिंह ने वर्ष 2021 में बीजेपी का दामन थामा.अपने खिलाफ बगावती तेवर अपनाए नवजोत सिद्धू पर लगाम नहीं कसने और राज्‍य के सीएम पद से हटाए जाने से नाराज होकर अमरिंदर ने कांग्रेस छोड़ी थी. उनकी छवि एक कुशल प्रशासक की थी और वे दो बार पंजाब के सीएम रहे.पार्टी लाइन से इतर अमरिंदर के सभी पाटिर्यों के नेताओं से अच्‍छे संबंध रहे हैं. 81 वर्ष के हो चुके अमरिंदर इस समय सियासत में ज्‍यादा सक्रिय नहीं हैं लेकिन उनकी बेटी जयइंदर कौर पटियाला लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं.
सुनील जाखड़ : अमरिंदर की ही तरह पंजाब के पूर्व कांग्रेस अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ ने भी बीजेपी ज्‍वॉइन की है.पूर्व लोकसभा स्‍पीकर और केंद्रीय मंत्री (स्‍वर्गीय) बलराम जाखड़ के सुनील बेटे हैं.सुनील की भी नवजोत सिद्धू से नाराजगी रही,वे पंजाब विधानसभा चुनाव में सिद्धू को ज्‍यादा तरजीह दिए जाने से कांग्रेस नेतृत्‍व से खफा था.बीजेपी ने पंजाब में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए सुनील जाखड़ को राज्‍य बीजेपी अध्‍यक्ष बनाया है.
डॉ.अजय आलोक : नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्‍ता रहे डॉ.अजय आलोक इसी वर्ष बीजेपी में शामिल हुए हैं. अजय आलोक को लालू की पार्टी आरजेडी का प्रबल विरोधी माना जाता है.जेडीयू ने जब पिछले वर्ष बीजेपी से नाता तोड़कर फिर आरजेडी से नाता जोड़ा तो अजय ‘भगवा पार्टी’ से जुड़ गए. फिलहाल प्रवक्‍ता के तौर पर उन्‍हें बीजेपी का पक्ष रखने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है.
आरसीपी सिंह : एक समय जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के राइट हैंड रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह ने इसी वर्ष बीजेपी से नाता जोड़ा है.जेडीयू जब एनडीए का हिस्‍सा था तो आरसीपी इसकी सरकार में इस्‍पात मंत्री पद संभाल रहे थे.नीतीश ने जब एक और कार्यकाल के लिए आरसीपी का टिकट काटा तो उन्‍होंने बगावती तेवर अख्तियार कर लिए. लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में आरसीपी को कोई अहम रोल दिया जा सकता है.
भारती पवार : एनसीपी की महाराष्‍ट्र इकाई की उपाध्यक्ष भारती पवार ने लोकसभा चुनाव 2019 के ठीक पहले बीजेपी का दामन थामा था. बीजेपी ने उन्‍हें डिंडोरी सीट से टिकट दिया जिसमें वे जीत हासिल करने में सफल रहीं.वे इस समय मोदी सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री की जिम्‍मेदारी संभाल रही हैं.
शुभेंदु अधिकारी : एक समय तृणमूल प्रमुख और सीएम ममता बनर्जी के करीबी मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी ने 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी का दामन थामा. यही नहीं, उन्‍होंने नंदीग्राम सीट पर बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ते हुए ममता दीदी का पराजित करके चर्चा भी बटोरी थी.इस समय शुभेंद्र पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं.
आरपीएन सिंह : आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्‍य यूपी से सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके आरपीएन सिंहने पिछले साल कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्‍वॉइन की. आरपीएन के पिता स्‍वर्गीय सीपीएन सिंह इंदिरा गांधी के नेतृत्‍व वाली केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं और आरपीएन, मनमोहन सिंह के नेतृत्‍व वाली यूपीए सरकार में मंत्री. आरपीएन के परिवार का कुशीनगर जिले में काफी प्रभाव है. पडरौना के कुंवर साहब आरपीएन को यूपी की किसी सीट से लोकसभा टिकट मिलने की संभावना है.
जितिन प्रसाद : कांग्रेस के कद्दावर नेता स्‍वर्गीय जितेन्‍द्र प्रसाद के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने भी पिछले वर्ष कांग्रेस से निष्‍ठा बदलकर बीजेपी में एंट्री मारी है. जातिगत समीकरणों वाले राज्‍य यूपी का प्रमुख ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले जितिन के परिवार का शाहजहाँपुर, लखीमपुर तथा सीतापुर में काफी प्रभाव है. वे इस समय यूपी की योगी आदित्‍यनाथ सरकार में पीडब्‍ल्‍यूडी मंत्री हैं.
Next Story