पंजाब

पंजाब में सीमा सुरक्षा के नाम पर केंद्र का दखल, राज्यपाल राज्य और खुफिया एजेंसियों के बीच बनाएंगे समन्वय

Deepa Sahu
17 April 2022 8:42 AM GMT
पंजाब में सीमा सुरक्षा के नाम पर केंद्र का दखल, राज्यपाल राज्य और खुफिया एजेंसियों के बीच बनाएंगे समन्वय
x
पाकिस्तान में हुए बड़े सत्ता परिवर्तन के बीच केंद्र सरकार ने सीमा की सुरक्षा को लेकर पंजाब में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है।

पाकिस्तान में हुए बड़े सत्ता परिवर्तन के बीच केंद्र सरकार ने सीमा की सुरक्षा को लेकर पंजाब में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को केंद्र ने इस मुहिम की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। अब राज्यपाल राज्य और केंद्र की खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय बनाएंगे। हर तीन महीने में राज्य के छह सीमावर्ती जिलों का राज्यपाल द्वारा दौरा किया जाएगा।

हाल ही में एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि केंद्र और पंजाब राज्य की खुफिया एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल की कमी है, जिस पर केंद्र सरकार ने चिंता जताते हुए पंजाब की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर एक वृहद कार्ययोजना तैयार की है। इस कार्ययोजना के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा पंजाब राज्यपाल को अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं, जिसके बाद पंजाब में राज्यपाल की राज्य के सीमावर्ती जिलों में गतिविधियां बढ़ गई हैं। वह अब तक सभी जिलों का दौरा कर चुके हैं।
हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मुख्य सचिव और डीजीपी की उपस्थिति में केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठक भी की है। साथ ही जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा भी राज्यपाल के द्वारा शुरू कर दिया गया है। इस दौरान स्थानीय सरपंचों से मिलकर सीमा सुरक्षा को लेकर वह चर्चा कर रहे हैं। केंद्र सरकार के द्वारा इस कार्ययोजना के अतिरिक्त कई और भी योजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण अग्निपथ योजना बताई जा रही है।
अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को रोजगार
केंद्र सरकार सीमा सुरक्षा को लेकर शुरू करने जा रही अग्निपथ योजना के जरिए युवाओं को रोजगार देगी। इस योजना के तहत युवाओं को सेना का प्रशिक्षण देने के साथ ही 4 से 6 साल का रोजगार भी देगी। पंजाब में जल्द ही योजना को लेकर सेना द्वारा प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।
बाड़ पार करेगी भूमि अधिग्रहण
केंद्र घुसपैठ रोकने के लिए बाड़ के पार भूमि अधिग्रहण पर विचार कर रहा है। केंद्र के इस फैसले से उन किसानों को राहत मिलेगी जो वर्तमान में बाड़ के पार भारतीय क्षेत्र के अंतिम इंच तक भूमि पर खेती कर रहे हैं।
विपक्षी दल हुए परेशान
राज्य में सुरक्षा के मुद्दे पर राज्यपाल की दिलचस्पी ने पंजाब के विपक्षी दलों को परेशानी में डाल दिया है। शिअद ने इसके पीछे केंद्र की साजिश बताया है। शिअद प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा का कहना है कि कानून व्यवस्था राज्य की समस्या है, राज्यपाल को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। कांग्रेस की ओर से भी इस मामले में सवाल उठाए गए हैं। कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने केंद्र के आगे घुटने टेक दिए हैं
विपक्ष की नाराजगी के बाद थम गया था मामला
केंद्र सरकार ने पंजाब में पाकिस्तान से तस्करी के लिए आ रही नशे की खेप और हथियारों के मामले लगातार बढ़ने के बाद घोषणा की थी कि बीएसएफ पाक सीमा से लगते 50 किमी के दायरे में सुरक्षा और धरपकड़ का काम बगैर किसी रोकटोक के कर सकेगी, जबकि पहले यह दायरा 10 किमी का था। 10 किमी से अधिक दूरी होने पर बीएसएफ को स्थानीय एसडीएम से अनुमति लेनी पड़ती थी और पुलिस को साथ रखना पड़ता था। केंद्र की इस घोषणा की राज्य के गैर भाजपा दलों में बहुत तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। कांग्रेस, शिअद, आप ने इसे राज्य की स्वायत्तता पर हमला करार दिया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात कर राज्य सरकार की नाराजगी से भी अवगत कराया था।


Next Story