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मुक्तसर में डीसी दफ्तर के सामने सोमवार को बठिंडा जिले के ब्लॉक संगत के गांव रायके कलां के किसान ने सल्फास खा ली
मुक्तसर में डीसी दफ्तर के सामने सोमवार को बठिंडा जिले के ब्लॉक संगत के गांव रायके कलां के किसान ने सल्फास खा ली। उसे फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां और पंजाब खेत मजदूर यूनियन की ओर से नरमा के खराब होने का मुआवजा लेने के लिए पिछले कुछ दिनों से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
सोमवार को डीसी दफ्तर के घेराव के प्रोग्राम दौरान बठिंडा जिले के गांव रायके कलां के 60 वर्षीय किसान बलविंदर सिंह ने सल्फास खा ली। प्रदर्शनकारी लछमण सिंह रायके कलां तथा अजयपाल सिंह घुद्दा समेत अन्य किसानों ने बताया कि बलविंदर सिंह संगत ब्लॉक की ओर से मुक्तसर धरने में शामिल होने पहुंचा था। धरने के दौरान अचानक वह उल्टियां करने लगा। जब किसान साथियों ने देखा तो पता चला कि उसने सल्फास की दो गोलियां खा ली थी। उसे तुरंत मुक्तसर के सिविल अस्पताल पहुंचाया गया जहां से उसे फरीदकोट रेफर कर दिया गया। फरीदकोट के मेडिकल कॉलेज पहुंचने तक उसकी मौत हो गई।
पूर्व डीएसपी के पिता पर आत्महत्या को मजबूर करने का आरोप
किसानों के अनुसार बलविंदर को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाला गांव रायके कलां का व्यक्ति बलशिंदर सिंह है जो नशा तस्करी के मामले में फंसे पूर्व डीएसपी जगदीश सिंह भोला का पिता है। करीब साढ़े चार वर्ष पहले किसान जत्थेबंदियों द्वारा साढ़े आठ लाख रुपये में बलविंदर सिंह व बलशिंदर सिंह की ओर से किए परनोट के केस का राजीनामा करवाया गया था। उस समय बलशिंदर ने कहा था कि उसका बलविंदर के साथ सारा हिसाब किताब निपट गया है। मगर इस घटना के तीन माह बाद ही बलशिंदर ने बलविंदर सिंह के खिलाफ सवा लाख रुपये के एक और परनोट का केस दायर कर दिया। अब बठिंडा अदालत ने 3 सितंबर को चार कैनाल जमीन की कुर्की के आदेश जारी किए थे।
बलविंदर सिंह के दो बेटे हैं और उसके पास सिर्फ चार किल्ले जमीन ही है। एक दिन पहले ही किसान जत्थेबंदियां एकत्र होकर बलशिंदर के पास पहुंची तो उसने साढ़े पांच लाख रुपये में राजीनामा करने की शर्त रखी। इसे पूरा करने में किसान ने असमर्थता जाहिर की और सोमवार को धरने के दौरान आत्महत्या कर ली।
प्रदर्शनकारी किसान नेता पूरन सिंह दोदा, गुरभगत सिंह भलाईआणा, गुरपाश सिंह सिंघेवाला, पंजाब खेत मजदूर यूनियन के सूबा सचिव लछमण सिंह सेवेवाला, जिला सचिव तरसेम सिंह खुंडे हलाल, गुरजंट सिंह साउंके ने सरकार व जिला प्रशासन से बलविंदर सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले बलशिंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज करने, मृतक किसान की कुर्की के आदेश रद्द कर सारा कर्ज माफ करने, परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
मुक्तसर अस्पताल में मेडिकल स्पेशलिस्ट नहीं
बलविंदर सिंह गंभीर हालत में मुक्तसर के सिविल अस्पताल लाया गया था। जहां से उसे फर्स्ट एड देकर गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज फरीदकोट रेफर कर दिया गया था मुक्तसर सिविल अस्पताल में मेडिकल स्पेशलिस्ट का पद लंबे समय से रिक्त पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर महीने सरकार को मेडिकल स्पेश्लिस्ट तैनात करने की मांग की जा रही है ताकि ऐसे गंभीर केसों में मरीजों को बचाया जा सके।
Rani Sahu
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