न्यूज़क्रेडिट: आजतक
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि रेल पुलों के पिलरों के 500 मीटर दायरे में किसी भी तरह की खुदाई या खनन पर तुरंत रोक लगाई जाएगी। इसके अलावा सूबे के नदियों में अवैध खनन रोकने के लिए सरकार ने पहले ही सख्त कदम उठाए हैं और अवैध खनन पर काफी हद तक लगाम लगी है।
पंजाब के सीमावर्ती जिलों से होकर गुजर रही नदियों में अवैध खनन के चलते कई छोटे-बड़े रेलवे पुलों पर खतरा बढ़ गया है। रेल मंत्रालय ने इस स्थिति को देखते हुए पंजाब सरकार को चेताया है कि समय रहते अवैध खनन न रोका गया तो कई रेल पुल ढह सकते हैं। मंत्रालय ने पठानकोट-जालंधर रेलवे ट्रैक और पठानकोट-जोगिंदरनगर रेलवे ट्रैक पर दो पुलों की खस्ता हालत का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार को गंभीरता के प्रति सचेत किया है।
खास बात यह है कि सीमावर्ती जिलों में रेलवे पुल न सिर्फ पंजाब को जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से जोड़ते हैं, बल्कि यह सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। रेल मंत्रालय ने इस अहम विषय पर राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आपात बैठक बुलाने को कहा था।
रेल मंत्रालय की ओर से पंजाब के मुख्य सचिव को भेजे पत्र में लिखा गया है कि पठानकोट के करीब चक्की नदी में इतना अधिक अवैध खनन हुआ है कि गत 31 जुलाई को इस नदी में आई बाढ़ में रेल पुल नंबर 32 का एक पिलर झुक गया और तीन अन्य पिलरों को भी नुकसान पहुंचा, क्योंकि इन पिलरों के नीचे व आसपास की रेत अवैध खनन करने वालों ने हटा दी है। इसी तरह रेल पुल नंबर 232 को भी दोनों छोर से नुकसान पहुंचा है। मंत्रालय ने लिखा है कि लगातार हो रहे अवैध खनन ने इन दोनों पुलों को असुरक्षित कर दिया है।
न रुका खनन तो सड़क पुल भी धंस जाएंगे
मंत्रालय ने इस पत्र के साथ ही तकनीकी रिपोर्ट भी भेजते हुए लिखा है कि अगर अवैध खनन न रुका तो नदी पर बने सड़क पुल भी धंस जाएंगे। इस पत्र में रेल मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के 2012 के उस आदेश का भी हवाला दिया है, जिसमें कांगड़ा और पठानकोट के डीसी की एक कमेटी का गठन करके पुल नंबर 32 की सुरक्षा के लिए कदम उठाने को कहा गया था। इस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में अवैध खनन रोकने और पुल नंबर 32 के पिलरों को चैक-डैम से सुरक्षित करने की सिफारिश की थी।
पिलरों के 500 मीटर दायरे में नहीं होगा खनन
मंगलवार को रेल मंत्रालय और प्रदेश सरकार के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में सरकार ने भरोसा दिलाया है कि रेल पुलों के पिलरों के 500 मीटर दायरे में किसी भी तरह की खुदाई या खनन पर तुरंत रोक लगाई जाएगी। इसके अलावा सूबे के नदियों में अवैध खनन रोकने के लिए सरकार ने पहले ही सख्त कदम उठाए हैं और अवैध खनन पर काफी हद तक लगाम लगी है। इस बैठक में मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ और रेलवे की ओर से उत्तर रेलवे अंबाला के डीआरएम जीएम सिंह ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने रेल पुलों की सुरक्षा के लिए पिलरों के आसपास खनन को पूरी तरह रोकने का भरोसा दिलाया है। बुधवार को मुख्य सचिव ने राज्य में नए रेल लिंक के निर्माण, रेलवे ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज, लाईनों के बिजलीकरण और सुरक्षा के पक्ष से रेल लाइनों के साथ लगते वृक्षों की कटाई संबंधी मामले निपटाने के लिए संबंधित विभागों को काम में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।
सीमा से सटे क्षेत्रों की नदियों में दिन-रात हो रहा खनन
सीमावर्ती जिलों गुरदासपुर व पठानकोट में अवैध खनन को लेकर बीएसएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सुबह सूरज निकलने से पहले खनन का काम शुरू हो जाता है और कई बार तो पूरी रात चलता रहता है। इस काम में सैकड़ों मजदूर जुटते हैं, जिनके बारे में स्थानीय पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है लेकिन सरहद के आसपास मजदूरों की भीड़ देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है। बीएसएफ ने अपनी यह रिपोर्ट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपी है।