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लुधियाना। गुरू अंगद देव वैटर्नरी व एनिमल सांइसिज यूनिवर्सिटी (गडवासू) की कोविड लैब में आऊटर्सोस सिस्टम तहत काम करने वाले मुलाजिमों ने टैस्टिंग बंद करके पंजाब सरकार की धक्केशाही खिलाफ हड़ताल कर दी है और रैगूलर करने की मांग को लेकर आज रोष प्रदर्शन करते हुए अपनी आवाज बुलंद की। इन मुलाजिमों ने बताया कि वह मार्च 2020 से काम कर रहे है। उस समय उनकी बाबा फरीद यूनिवर्सिटी फरीदकेाट में बकायदा काऊंसलिंग भी हुई। उस समय पंजाब सरकार की तरफ से यह भरोसा दिया गया था कि उनको रैगूलर किया जाएगा। उनकी पंजाब के सेहत मंत्री से भी मीटिंग हुई तों उन्होंने भी यह आश्वासन दिया कि उनको एडजस्ट किया जाएगा। इन मुलाजिमों ने बताया कि उन्होंने कोरोना संकट के समय अपनी जान की प्रवाह न करते हुए काम किया।
वह इस लैब में लुधियाना समेत अन्य शहरो से आने वाले रोजाना लगभग 500 के करीब कोविड सैंपलों की जांच करते रहे है। लेकिन सरकार ने उनको रैगूलर करने की जगह धीरे धीरे उनकी छांटी करनी शुरू कर दीं। सरकार ने धक्केशाहीं करते हुए गडवासू कोविड लैब में काम करने वाले 30 में से 15 मुलाजिमों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। आज इस मंहगाई के युग में वह रोजगार के लिए किस के पास अपनी फरियाद लेकर जाए। उन्होंने यह भी जानकारी दीं कि उनको जुलाई व अगस्त महीने की आज तक तनखाह तक हीं मिली। वह अपने परिवारों का गुजारा कैसे करे। जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तब तक कोविड की टैस्टिंग बंद रखी जाएगी और इससे निकलने वाले नतीजो के लिए पंजाब सरकार ही सीधे तौर पर जिम्मेवार होगी।
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