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पंजाब के किसानों के लिए अहम खबर..तो नहीं मिलेगा MSP

Shantanu Roy
12 Sep 2022 3:01 PM GMT
पंजाब के किसानों के लिए अहम खबर..तो नहीं मिलेगा MSP
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बड़ी खबर
जालंधर। पंजाब के किसानों के लिए अहम खबर हैं। दरअसल, धान के सीजन में अन्य राज्यों से तस्करी होकर पंजाब आते धान के लगभग सभी मार्ग बंद हो गए हैं। अपनी भूमि की औसत फसल से अधिक का धान अब किसान भी नहीं बेच सकेंगे। पंजाब सरकार ने किसानों की भूमि और औसतन फसल को कम्प्यूटर में रजिस्टर्ड कर दिया है कि औसतन फसल से अधिक का डाटा कम्प्यूटर नहीं उठाएंगे। फिर न ही किसान के लिए जे फार्म बनेगा और न ही सरकार वाला आई फार्म बनेगा। धान अधिक हुआ तो एम.एस.पी. रद्द हो जाएगी जबकि मिलिंग पॉलिसी को भी पूरे तौर पर डिजिटल किया जा रहा है। धान ले जाने वाले वाहनों में जी.पी.एस., इलैक्ट्रिक मीटर और कैमरे तमाम प्रक्रिया की निगरानी रखेंगे। पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा 82,485 किसानों से उनकी भूमि का पूरा रिकार्ड पंजीकृत किया जा चुका है और यह सिलसिला अभी जारी है। इस पंजीकरण में किसानों की भूमि का विवरण, गिरदावरी इत्यादि शामिल हैं।
वास्तव में अन्य राज्यों से धान तस्करी करके पंजाब लाने का आधार फसल की एम.एस.पी. पर बिक्री है। अन्य राज्यों मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिमी बंगाल, उत्तर प्रदेश इत्यादि में फसलें एम.एस.पी. से नीचे और कुछ स्थानों पर तो एम.एस.पी. से काफी कम दामों पर धान बिकता है। तस्करी के धान का यह कारोबार प्रत्येक वर्ष अरबों रुपयों का होता आया है। पिछले वर्ष भी अन्य राज्यों से पंजाब में लाया हजारों टन धान बरामद किया गया था और कई मामले दर्ज किए गए थे।अन्य राज्यों से पंजाब में धान की तस्करी रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा भी पिछले 2 वर्ष से प्रयास किए जा रहे थे। किसानों के विवरण वैब पोर्टल पी.एफ.एम.एस. पर डाले जा रहे थे। धान और गेहंू की फसल मंडियों में बेचने वाले किसानों के तमाम विवरण अब वैबसाइट पर रजिस्टर्ड हो चुके हैं। किस किसान के पास कितनी भूमि है और उसकी फसल कितनी होगी, इसे लेकर भी कृषि विभाग और मंडी बोर्ड के अधिकारियों में बैठकें हो चुकी हैं। विभिन्न जिलों में धान की अधिकतम पैदावार तय कर ली गई है।
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