न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
हिंदू संगठनों व शिवसैनिकों ने पुलिस को 15 अगस्त तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 15 अगस्त तक आमिर खान, सेंसर बोर्ड व पीके फिल्म से जुड़े लोगों पर कार्रवाई न की गई तो 16 अगस्त को वह सड़कों पर उतरकर प्रशासन व आमिर खान के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
आमिर खान की नई फिल्म लाल सिंह चड्ढा का विरोध पंजाब के जालंधर में हिंदू संगठनों के लोगों ने किया। इससे पहले ही सोशल मीडिया पर फिल्म के बहिष्कार की बात पहले से ही छाई है। अब जालंधर में शिवसैनिकों और हिंदू नेताओं का गुस्सा भड़क गया। गुरुवार को इस फिल्म के रिलीज होने पर हिंदू संगठनों ने फिल्म का जमकर विरोध किया।
शिवसेना कार्यकर्ता एमबीडी मॉल पहुंचे और वहां पर आमिर खान की इस फिल्म का जमकर विरोध किया। उन्होंने फिल्म को बंद करवाने की मांग और जमकर नारेबाजी की। मौके पर पहुंचे डीसीपी नरेश डोगरा ने माहौल को शांत करवाकर सभी कार्यकर्ताओं को वापस भेजा।
इस दौरान हिंदू संगठनों व शिवसैनिकों ने पुलिस को 15 अगस्त तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 15 अगस्त तक आमिर खान, सेंसर बोर्ड व पीके फिल्म से जुड़े लोगों पर कार्रवाई न की गई तो 16 अगस्त को वह सड़कों पर उतरकर प्रशासन व आमिर खान के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। शिव सेना के कार्यकर्ताओं का कहना है कि आमिर खान की 2014 में आई फिल्म पीके के कारण हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची थी।
फिल्म में हिंदू धर्म का अपमान किया गया था, जिस कारण हिंदू संगठनों ने आमिर खान के बहिष्कार की घोषणा की थी। इसीलिए आमिर खान की इस फिल्म का विरोध किया जा रहा है। शिव सैनिकों ने कहा कि जहां भी आमिर खान की फिल्म लगेगी, उसका जमकर विरोध किया जाएगा।
फिल्म के समर्थन में उतरी सिख तालमेल कमेटी
फिल्म लाल सिंह चड्ढा का सुबह शिव सैनिकों ने विरोध किया तो शाम को सिख तालमेल कमेटी ने शिव सैनिकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पीवीआर सिनेमा पहुंचे सिख तालमेल कमेटी के सदस्यों ने पीवीआर सिनेमा के प्रबंधकों को कहा कि लाल सिंह चड्ढा फिल्म का शो रुकना नहीं चाहिए। हम देखेंगे कि कौन मॉल में आकर फिल्म का शो रुकवाता है।
सिख तालमेल कमेटी के नेता तजिंदर सिंह परदेसी, हरपाल चड्डा, हरप्रीत सिंह नीटू व अन्य ने कहा कि शिवसेना नेता माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आमिर खान ने एक सिख पर फिल्म बनाई है। यदि कोई इसका विरोध करेगा तो वह उसका मुकाबला करने के लिए खड़े हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म को एसजीपीसी व अन्य सिख संगठनों ने देखने के बाद अप्रूव किया है। जब उन्हें कोई दिक्कत नहीं है तो फिर शिवसेना वाले कौन होते हैं, विरोध करने वाले। उन्होंने कहा कि शिवसेना वाले जिस फिल्म का वह विरोध कर रहे हैं, वह 2016 में बनी थी। उस वक्त वह उसका विरोध करते।