पंजाब

सब इंस्पेक्टर की बोलेरो के नीचे रखी थी आईईडी

Admin4
18 Aug 2022 9:29 AM GMT
सब इंस्पेक्टर की बोलेरो के नीचे रखी थी आईईडी
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

दोनों आरोपी सोमवार रात सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह की बोलेरो में आईईडी लगाकर फरार हो गए थे। पुलिस के स्पेशल सेल ने उन्हें बुधवार की दोपहर दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया जहां से दोनों कनाडा भागने की फिराक में थे।

अमृतसर में सब इंस्पेक्टर की बोलेरो में बम लगाने का मामले में पकड़े गए आतंकी हरपाल सिंह और फतेह दीप सिंह को पुलिस ने गुरुवार सुबह अदालत में पेश किया जहां से दोनों तस्करों को आठ दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। दोनों आरोपी सोमवार रात सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह की बोलेरो में आईईडी लगाकर फरार हो गए थे। पुलिस के स्पेशल सेल ने उन्हें बुधवार की दोपहर दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया जहां से दोनों कनाडा भागने की फिराक में थे।

अमृतसर में भारी सुरक्षा प्रबंधों के बीच सोमवार-मंगलवार की देर रात पॉश कालोनी रंजीत एवेन्यू के सी ब्लॉक में मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने सीआईए स्टाफ के सब-इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह के घर के बाहर खड़ी उनकी बोलेरो गाड़ी में आईईडी लगा दी थी और मोटरसाइकिल से फरार हो गए थे। पुलिस अधिकारी की गाड़ी धोने वाले लड़के ने इसे देखा तो बड़ी संख्या में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। बम विरोधी दस्ते के जवानों ने आईईडी को गाड़ी से अलग कर दूर सुनसान इलाके में रख दिया।

अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज में पाया कि 15 और 16 अगस्त की रात करीब 2:03 मिनट पर मोटरसाइकिल सवार दो लोग बोलेरो कार के पास पहुंचे। एक व्यक्ति हाथ में पकड़ी आईईडी को कार के पिछले हिस्से के टायर के नीचे लगाने लगा जबकि दूसरा व्यक्ति मोटरसाइकिल को घुमा कर वापस कार के पास पहुंच कर रुक गया और अपनी मोटरसाइकिल को स्टार्ट ही रखा। बुलैरो कार के पिछले हिस्से में आईईडी लगाने के बाद पहला व्यक्ति मोटरसाइकिल पर बैठ गया और दोनों वहां से फरार हो गए।

उग्रवाद के दौर में ज्वाइन की थी पुलिस की नौकरी

सब-इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह ने आतंकवाद के दौरान पुलिस को ज्वाइन किया था। अमृतसर जिले के ही जन्मे-पले दिलबाग सिंह फरवरी 1990 में पंजाब पुलिस का हिस्सा बने। एक कांस्टेबल के रूप में पुलिस में शामिल हुए दिलबाग सिंह की पहली पोस्टिंग अमृतसर के सीआईए स्टाफ में हुई, जहां पकड़े गए आतंकवादियों को लाया जाता था। तब आतंकवादियों की इतनी दहशत थी कि पुलिस के कई बड़े-बड़े अधिकारी भी उनसे सवाल-जवाब करने से डरते थे। सिपाही दिलबाग सिंह ने आतंकवाद के दौर में उन्होंने खूब काम किया और धीरे-धीरे कांस्टेबल से पदोन्नती पाते-पाते साल 2013 में सब-इंस्पेक्टर गए।

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