पंजाब

High Court's decision : पत्नी की तरह साथ में लंबे समय रहने वाली महिला भी गुजारा भत्ता की हकदार

Tara Tandi
22 April 2024 7:25 AM GMT
High Courts decision : पत्नी की तरह साथ में लंबे समय रहने वाली महिला भी गुजारा भत्ता की हकदार
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पंजाब : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि लंबे समय तक पति पत्नी के रूप में साथ रहना गुजारा भत्ता का दावा करने के लिए काफी है। गुजारा भत्ता कल्याणकारी व्यवस्था है और ऐसे में विवाद को संदेह से परे साबित करना अनिवार्य नहीं है।
याचिका दाखिल करते हुए यमुनानगर निवासी व्यक्ति ने फैमिली कोर्ट द्वारा तय 6000 रुपये गुजारा भत्ता को चुनौती दी थी। याचिका में बताया गया कि गुजारा भत्ता केवल कानूनी रूप से विवाहित पत्नी ही दावा कर सकती है। याची ने कहा कि उसे अपना पति बताने वाली महिला के अनुसार उसकी शादी पंजाब के एक गुरुद्वारे में हुई थी जबकि याची मुस्लिम है। याची ने कहा कि महिला उसकी किराएदार है और उसकी संपत्ति हड़पने के लिए उसे पति बता रही है।
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि याची ने जमानत के समय स्वीकार किया था कि महिला उसकी पत्नी है। शादी गुरुद्वारे में हुई या आवश्यक रस्म पूरी नहीं हुई यह दलील देकर गुजारा भत्ता से इन्कार नहीं किया जा सकता। यदि विवाह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत न भी हों तो भी लंबे समय तक पति-पत्नी के रूप में रहने के चलते महिला गुजारा भत्ता के लिए पात्र हो जाती है।
हाईकोर्ट ने कहा कि अलग-अलग धर्म के लोगों के बीच विवाह हिंदू मैरिज एक्ट के तहत नहीं हो सकता, यह स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत संभव है। ऐसे में याची की दलील किसी काम की नहीं है कि उसका विवाह वैध नहीं है। याची का विवाह 1996 में हुआ था और करीब दो दशक वह साथ रहे। बाद में वैवाहिक विवाद के कारण दूरियां बढ़ी। ऐसी स्थिति में महिला को दुर्दशा से बचाने के लिए ही गुजारा भत्ता का प्रावधान किया गया है। यह कल्याणकारी कानून है और इसका लाभ पाने के लिए विवाह को संदेह से परे साबित करना जरूरी नहीं है। इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने पति की याचिका को खारिज कर दिया।
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