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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
भारतीय कियान यूनियन (चढूनी) के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने बताया कि यूनियन के बैनर तले किसान 25 व 26 अगस्त को करनाल स्थित मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना देंगे पर आज की महापंचायत में भाग लेने दिल्ली के जंतर-मंतर नहीं जाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत की जा रही है। सोनीपत में केएमपी जीरो प्वाइंट पर किसान एकत्रित होने लगे हैं। ये सभी किसान संयुक्त किसान मोर्चा नेता अभिमन्यु कोहाड़ के साथ दिल्ली रवाना होंगे।
किसानों का दिल्ली प्रवेश रोकने के लिए टीकरी बॉर्डर पर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है। यहां लोहे और सीमेंट के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। चार थानों की पुलिस यहां से गुजरने वाले वाहनों पर नजर रख रही है। कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के जवानों की तैनाती कर दी गई है। अगर भारी संख्या में पंजाब से किसान दिल्ली पहुंचना शुरू हुए तो उनको रोकने के लिए रेत से भरे डंपर सड़क किनारे खड़े किए गए हैं। हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि ये डंपर हाईवे निर्माण सामग्री को लेकर खड़े हैं।
किसानों के कारण कुंडली सिंघु बॉर्डर पर नेशनल हाईवे 44 पर जाम के हालात बन गए हैं। सिंघु बॉर्डर पर सीआरपीएफ व दिल्ली पुलिस की तैनाती की गई है। वाहन चालकों को जाम के चलते भारी परेशानी हो रही है। सोनीपत कुंडली एक्सप्रेसवे से भी किसानों का जत्था जंतर मंतर पर रवाना हुआ।
टीकरी बॉर्डर से हटी दिल्ली पुलिस
वहीं बहादुरगढ़ में टीकरी बॉर्डर से दिल्ली पुलिस हट गई है। झाड़ौदा बॉर्डर पर भी बेरिकेड हटा लिए गए हैं। किसान बेरोकटोक दिल्ली में आ जा रहे हैं। किसानों की सीमित संख्या को देखते हुए पुलिस ने यह ढील दी है। टीकरी बॉर्डर से नाकेबंदी हटा दी गई है। लोहे के बैरिकेड साइड में लगा दिए गए हैं। दिल्ली जा रहे किसानों ने कहा कि अब उन्हें कोई नहीं रोक रहा। अगर दिल्ली पुलिस रोकती तो यहीं बैठ जाते। अगर सरकार नहीं मानी तो फिर पक्के मोर्चे लग सकते हैं।
हालांकि इस प्रदर्शन से हरियाणा के भाकियू चढूनी गुट और पंजाब की 31 संगठनों ने दूरी बना ली है। दिल्ली में होने वाली महापंचायत में लखीमपुर खीरी के पीड़ित किसानों को इंसाफ, बिजली बिल 2022 रद्द करने, गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने, चीनी मिल से गन्ने का बकाया भुगतान करने सहित अन्य मांगों पर विचार किया जाएगा। इसके बाद किसान राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने जाएंगे। किसान नेताओं का कहना है कि करीब एक साल तक कुंडली बॉर्डर पर चले किसान आंदोलन को समाप्त करते हुए सरकार ने जल्द ही उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
भारतीय कियान यूनियन (चढूनी) के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने बताया कि यूनियन के बैनर तले किसान 25 व 26 अगस्त को करनाल स्थित मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना देंगे पर आज की महापंचायत में भाग लेने दिल्ली के जंतर-मंतर नहीं जाएंगे।
दिल्ली पुलिस ने लगाया नाका तो लग सकता है जाम
कुंडली बॉर्डर क्षेत्र में निर्माण के चलते अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में दिल्ली में किसानों की महापंचायत के दौरान जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर नाका लगाकर वाहनों की जांच कर आगे जाने दिया तो कुंडली क्षेत्र में जाम की स्थिति बन सकती है। ऐसे में कुंडली पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही है।
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