पंजाब

स्वास्थ्य विभाग ने फिर 200 का ऑर्डर दे डाला, तीन साल पहले खरीदे कंप्यूटर पड़े हैं डंप

Admin4
3 Aug 2022 9:23 AM GMT
स्वास्थ्य विभाग ने फिर 200 का ऑर्डर दे डाला, तीन साल पहले खरीदे कंप्यूटर पड़े हैं डंप
x

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

प्रशासन शहर के जिन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को हाईटेक और मॉडल बनाने का दावा कर रहा है, उनमें से कई सेंटरों में तो कर्मचारियों और डॉक्टरों तक के बैठने के लिए उचित व्यवस्था नहीं है।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए लाखों रुपये खर्च कर 2019 में कंप्यूटर खरीदे गए थे जिनमें से महज दो सेंटरों पर ही कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। अन्य सेंटरों पर या तो कंप्यूटर अब तक डिब्बे में पैक पड़े हैं या फिर बाहर धूल फांक रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि तीन साल पहले खरीदे गए दर्जनों कंप्यूटरों का तो स्वास्थ्य विभाग उपयोग सुनिश्चित नहीं करा पाया अब 200 और नए कम्प्यूटर खरीदने का ऑर्डर दे दिया है।

चंद ही दिनों में कंपनी ऑर्डर पूरा कर देगी। इतना ही नहीं पुराने कंप्यूटरों को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि वे अब आउटडेटेड हो गए हैं यानी जो कंप्यूटर डब्बों से बाहर नहीं निकले वे बिना उपयोग के ही काम करने योग्य नहीं रह गए हैं। गौरतलब है कि शहर के कुछ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को आधुनिक रूप प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने 6 करोड़ 75 लाख रुपये का बजट दिया है। सूत्रों का कहना है कि प्रशासन इस बजट को इस तरीके से खर्च कर सरकारी धन की बर्बादी कर रहा है।

कंप्यूटर और फिर लैपटॉप भी मिल चुका है

हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को टेलीकंसल्टेशन व टेलीमेडिसिन तकनीक से जोड़ने के लिए 200 कंप्यूटर खरीदने का ऑर्डर दिया गया है। वहां 2019 में पहले ही कंप्यूटर दिए जा चुके हैं। इतना ही नहीं कोविड-19 दौरान 2021 में एक कंपनी ने इन सभी सेंटरों को लैपटॉप भी दान किया था ताकि उससे टीकाकरण अभियान को सुचारु रूप से संचालित करने में मदद मिल सके। इसके बावजूद 200 नए कंप्यूटर खरीदने के लिए ऑर्डर दे दिया गया है।

बैठने तक की व्यवस्था बदहाल, हाईटेक करने के दिखा रहे सपने

प्रशासन शहर के जिन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को हाईटेक और मॉडल बनाने का दावा कर रहा है, उनमें से कई सेंटरों में तो कर्मचारियों और डॉक्टरों तक के बैठने के लिए उचित व्यवस्था नहीं है। वह सीलन लगे कमरों में बैठकर घंटों ड्यूटी करने के लिए मजबूर है। इतना ही नहीं जरा सी बरसात में इन सेंटरों में घुटने तक पानी लग जा रहा है। ऐसे में बगैर भवन की व्यवस्था किए बिना कंप्यूटर खरीदने का ऑर्डर दे दिया गया है।

इंटरनेट और बिजली पर भी खूब हुआ खर्च

अगर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की मौजूदा स्थिति देखी जाए तो किसी भी सेंटर पर कंप्यूटर से काम नहीं किया जा रहा है लेकिन इनमें से ज्यादातर कंप्यूटरों को इंस्टॉल किया जा चुका है। उसके लिए बिजली और इंटरनेट पर भी तीन वर्षों से खर्च किया जा रहा है। क्योंकि तीन साल पहले ही इंटरनेट कंपनी ने केबिल बिछाकर कनेक्शन दे दिया है लेकिन सिर्फ डड्डूमाजरा और मौलीजागरां के सेंटर पर ही ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा संचालित की जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग में मरीजों की सुविधा के नाम पर लगातार गड़बड़ियां सामने आ रहे हैं। आखिर जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के नाम पर कब तक सरकारी धन की बर्बादी की जाएगी। इसकी उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जानी बेहद जरूरी है। -दीपक शर्मा, बहलाना।

मेरा मानना है कि सरकारी अस्पताल में सामान्य बीमारियों का भी अगर इलाज हो जाए तो यह बहुत बड़ी बात है। ऐसे में टेलीकंसल्टेशन व टेलीमेडिसिन के झूठे सपने दिखाना जनता को धोखा देना है। इसके लिए लगातार बजट खर्च किया जा रहा है लेकिन धरातल पर भी कुछ भी नजर नहीं आ रहा। - आरती उपाध्याय, किशनगढ़।

पुराने कंप्यूटर आउटडेटेड हो चुके हैं इसलिए उनकी जगह पर 200 नए कंप्यूटर खरीदने का ऑर्डर दिया गया है। कंपनी को ऑर्डर दे दिया गया है। जल्दी आपूर्ति हो जाएगी।

Admin4

Admin4

    Next Story