पंजाब

सरकार ने एचआरएमएस से जोड़ा, अब नहीं दबाई जा सकेंगी एसीपी की फाइलें

Admin4
1 Aug 2022 10:47 AM GMT
सरकार ने एचआरएमएस से जोड़ा, अब नहीं दबाई जा सकेंगी एसीपी की फाइलें
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न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला

ऑनलाइन प्रक्रिया होने से इसका सीधा फायदा 2.89 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। इस संबंध में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने सभी विभागाध्यक्षों, आयुक्तों, उपायुक्तों, सब डिविजन ऑफिसरों को निर्देश जारी किए हैं।

हरियाणा में एसीपी (एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन) के नाम पर चल रहे भ्रष्टाचार पर हरियाणा सरकार ने कड़ा प्रहार किया है। प्रदेश सरकार ने एसीपी को मानव संशाधन विकास प्रणाली (एचआरएमएस) से जोड़ दिया है। एक अगस्त से सभी विभागों को एसीपी के केस मेनुअली के बजाय ऑनलाइन करने होंगे। अगर कोई विभाग ऐसा नहीं करता तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाएगा। ऑनलाइन प्रक्रिया होने से इसका सीधा फायदा 2.89 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। इस संबंध में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने सभी विभागाध्यक्षों, आयुक्तों, उपायुक्तों, सब डिविजन ऑफिसरों को निर्देश जारी किए हैं।

सबसे अधिक लंबित मामले शिक्षा विभाग में

अभी तक अधिकतर विभागों में एसीपी की फाइल मेनुअली चलती है, जिसमें भ्रष्टाचार और बदनीयती के आरोप लगते रहे हैं। सालों तक कर्मचारियों की फाइलें दबी रहती हैं। वर्तमान में एसीपी के हजारों मामले विभागों में लंबित पड़े हैं। सबसे अधिक लंबित मामले शिक्षा विभाग में हैं। सरकार द्वारा बार-बार लंबित केसों को निपटाने के आदेश दिए जाने के बाद भी मामले लंबित हैं। इस कारण अधिकतर मामले अदालतों में हैं। इसके अलावा, एसीपी के नाम पर मोटी रिश्वत लेने की शिकायतें भी सरकार के पास पहुंच रही थी।

इस मामले को हरियाणा सरकार ने गंभीरता से लिया और 16 जून को समीक्षा बैठक बुलाई थी। बैठक में पाया गया कि केवल शिक्षा विभाग ही ऑनलाइन प्रक्रिया अपना रहा है। अन्य विभागों ने प्रोसेस में चल रहे केस निपटाने के लिए मोहलत मांगी थी। सरकार ने 31 जुलाई तक मेनुअली एसीपी केस निपटाने की मोहलत दी थी। 1 अगस्त से भविष्य सभी एसीपी केस एचआरएमएस के माध्यम से करने होंगे। हरियाणा सरकार ने इसके लिए खजाना विभाग के सुनील बहल और एनआईसी के यशपाल को स्टेट नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। गौर हो कि इससे पहले 2018 में भी सरकार ने इसे ऑनलाइन करने की कोशिश की थी, लेकिन विभागों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था।

क्या है एसीपी

सरकारी कर्मचारियों को नौकरी के 8, 16 और 24 साल की सर्विस पूरी करने पर एसीपी मिलती है। इसके तहत कर्मचारी को पदोन्नति के अनुरूप आर्थिक लाभ मिलने शुरू हो जाते हैं। नियमों के मुताबिक यह रुटीन में होने वाली विभागीय प्रक्रिया है, लेकिन विभागों में कर्मचारियों को समय पर एसीपी नहीं मिलती। इसके लिए कर्मचारियों को मुख्यालय के चक्कर लगाने होते हैं। क्योंकि यह कार्य मुख्यालय से जुड़ा हुआ है।


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