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जालंधर। पंजाब के 11 राष्ट्रीय मार्ग के बी.ओ.टी. योजना वाले टोल प्लाजा बंद करने को लेकर पंजाब सरकार पशोपेश में है। सरकार ने इन टोल प्लाजों के बंद करने का निर्णय ले लिया है परन्तु नियमों के मुताबिक टोल प्लाजों को कई करोड़ रुपए के मुआवजे की राशि देने और उन सड़कों के रख-रखाव को लेकर राज्य सरकार संकट में है। पंजाब द्वारा नियुक्त इंजीनियरिंग सलाहकार संस्थानों ने भी सरकार को ये टोल प्लाजा 472 दिन से 496 दिन तक चलाने का सुझाव दिया है ताकि कोरोना काल और किसान आंदोलन के दौरान बंद रहे टोल प्लाजों की भरपाई की जा सके।
करीब डेढ़ माह पूर्व सरकार का निर्णय था कि एक-एक करके पंजाब के सभी टोल प्लाजा बंद किए जाएंगे। संगरूर-लुधियाना मार्ग पर 2 टोल प्लाजा बंद करने के निर्देश होने के बाद उन दोनों टोल प्लाजों के ढांचों को उखाड़ दिया गया था। पंजाब सरकार ने यह भी फैसला किया था कि राज्य के अधीन आती सड़कों का रख-रखाव अब सरकार खुद करेगी और केंद्र सरकार से भी इस बारे में मदद लेगी। परन्तु अब स्थिति अलग हो रही है जिन बी.ओ.टी. टोल प्लाजों को बंद करने का निर्णय पंजाब सरकार ने लिया है। उन टोल प्लाजा कंपनियों ने शर्तों और नियमों के मुताबिक पंजाब सरकार से टोल प्लाजा बंद करने के एवज में करोड़ों रुपए का मुआवजा मांग लिया है। यह मुआवजा कोरोना काल और किसान आंदोलन के दौरान टोल प्लाजा पर किसानों के कब्जों से हुए टोल नुक्सान की भरपाई का है।
तब भी किसान आंदोलन की समाप्ति के 2 माह पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन द्वारा पंजाब की तत्कालीन मुख्य सचिव श्रीमती विन्नी महाजन को लिखे पत्र में कहा गया था कि किसान आंदोलन के चलते टोल प्लाजों पर कार्य बंद है, जिससे उन्हें भारी नुक्सान हो रहा है। पत्र के अनुसार नुक्सान 830 करोड़ रुपए से कहीं अधिक है। केंद्र सरकार ने भी इन्हीं शर्तों के आधार पर बी.ओ.टी. टोल प्लाजा वालों को मुआवजा दिया है। गत सितंबर माह को जब पंजाब के 2 टोल प्लाजा बंद किए गए थे तब पंजाब के पी.डब्ल्यू.डी. मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने कहा कि जिन मार्गों से टोल प्लाजा हटेंगे, उन सड़कों का रखरखाव पंजाब सरकार अपने बजट से करेगी लेकिन सड़कों की संभाल को लेकर पंजाब सरकार की चिंता अलग से भी है।
पंजाब सरकार द्वारा नियुक्त इंजीनियरिंग सलाहकार संस्थानों पी.के. इंजीनियरिंग और टी.टी.एल. इंजीनियरिंग को टोल प्लाजों को दिए जाने वाले मुआवजे के अध्ययन का काम सौंपा गया था जिसमें उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बी.ओ.टी. टोल प्लाजों को करोड़ों रुपए का मुआवजा देना ही पड़ेगा। इसके अतिरिक्त 5 वर्ष में एक बार सड़कों को तैयार किया जाना भी जरूरी है। सड़कों की संभाल पर भी 75 करोड़ रुपए प्रत्येक सड़क का खर्च आता है। सरकार इस विचार में है कि अगर केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक बी.ओ.टी. वाले टोल प्लाजा को डेढ़ वर्ष का समय अधिक दे दिया जाए तो पंजाब को करोड़ों रुपए की देनदारी से छुटकारा मिल सकता है। इसे लेकर गत दिवस भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी। हालांकि अभी तक सरकार ने इस बारे में कुछ तय नहीं किया परन्तु ऐसा प्रभाव बन रहा है कि सरकार अभी टोल प्लाजों को बंद नहीं करेगी।
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