पंजाब

माइनिंग पर रोक लगाना सरकार को पड़ा भारी, पंजाब भर में ट्रांसपोर्टरों ने शुरू की हड़ताल

Shantanu Roy
1 Sep 2022 2:25 PM GMT
माइनिंग पर रोक लगाना सरकार को पड़ा भारी, पंजाब भर में ट्रांसपोर्टरों ने शुरू की हड़ताल
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बड़ी खबर
पठानकोट। बेशक पंजाब सरकार द्वारा नई पॉलिसी लागू करने की घोषणा की गई है लेकिन नई पालिसी में भी रेत-बजरी के दाम कम होने की बजाय बढ़ते दिखाई देने से लोगों में रोष है, वहीं दूसरी तरफ देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने गुरदासपुर एवं पठानकोट में माइनिंग पर रोक लगा दी है, जिससे लोगों को रेत-बजरी मिलने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। सरकार और माइनिंग ठेकेदारों के बीच पिछले करीब एक माह से चल रहे विवाद के कारण पिछले काफी समय से क्रशर इंडस्ट्री बंद पड़ी थी, जिससे इंडस्ट्री से जुड़े कारोबार के साथ-साथ ट्रांसपोर्टर भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ट्रांसपोर्टरों का हल करने की बजाय सरकार ने कुछ दिन पहले दूसरे राज्यों से रेत-बजरी की सप्लाई पर 7 रुपए प्रति फुट के हिसाब से टैक्स लगा दिया है। टिप्पर एसोसिएशन एवं ट्रांसपोर्टरों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ पंजाब में पूर्ण हड़ताल करने का फैसला लिया है। बता दें कि पंजाब की बंद क्रशर इंडस्ट्री के कारण जहां पहले ही ट्रक, टिप्पर, ट्रालों के माध्यम से पूरे राज्य में रेत-बजरी सप्लाई करके रोजी-रोटी कमा रहे ट्रांसपोर्टर बेरोजगार हो चुके हैं वहीं कर्जों के बोझ तले दबने से बचने के लिए जो ट्रांसपोर्टर हिमाचल एवं जे.एंड के. से रेत-बजरी लाकर राज्य में सप्लाई कर रहे हैं, अब उन पर भी पंजाब सरकार ने नया आदेश जारी करके दूसरे राज्यों से आने वाली रेत-बजरी पर 7 रुपए प्रति फुट टैक्स थोप दिया है।
मौजूदा हालात में बढ़ेगी ब्लैक मार्कीटिंग
रेत-बजरी कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक पंजाब में पहले ही लोगों को रेत-बजरी नहीं मिल रही है और अगर दूसरे राज्यों से भी आने वाली सप्लाई को इन टैक्सों की आड़ में रोका जाएगा तो आने वाले समय में इसकी ब्लैक मार्कीटिंग होने के आसार ज्यादा होंगे। एक-दूसरे राज्य के बीच कम्पीटिशन होने की वजह से ही लोगों को माल सस्ता उपलब्ध होगा जबकि रेत-बजरी के कारोबार व सप्लाई को बंद करवाने पर तुली सरकार की नीतियां कम्पीटिशन को खत्म करवाने वाली हैं।
पंजाब में टैक्स से दूसरे कारोबार होंगे प्रभावित
नए टैक्स के विरोध में कुछ ट्रांसपोर्टरों ने अपना रोष जाहिर करते हुए कहा कि क्या जे.एंड के. और हिमाचल प्रदेश देश का हिस्सा नहीं हैं जो यहां से माल लेकर आने पर उन्हें अलग से टैक्स देना पड़ेगा जबकि हर कारोबारी जी.एस.टी. अदा कर रहा है और 'एक देश एक जी.एस.टी.' का हमेशा नारा दिया जाता है लेकिन सरकार की नीतियां इसके विपरीत चल रही हैं। वहीं पंजाब सरकार के इस आदेश से लोगों को रेत-बजरी महंगी उपलब्ध हो रही है क्योंकि जो रेट-बजरी 5 से 9 रुपए फुट मिलती थी, आज उसके दाम 45 से 50 रुपए फुट पहुंच चुके हैं। वहीं उन्होंने चिंता जाहिर की कि अगर पंजाब सरकार ऐसे टैक्स लागू करेगी तो दूसरे राज्य भी वहां पंजाब से आने वाली विभिन्न चीजों की सप्लाई पर टैक्स लागू करेंगे। उदाहरण के तौर पर पंजाब से काफी तादाद में ईंटें जे.एंड के. से सप्लाई होती हैं, अगर ऐसा टैक्स जे.एंड के. सरकार भी शुरू कर दे तो ट्रांसपोर्टरों के लिए और भी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी।
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